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टांडा मेडिकल कालेज ने रचा इतिहास, कोलीडोकल सिस्ट की सफल सर्जरी की

Tanda Medical College डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा में कोलीडोकल सिस्ट की सफल सर्जरी कर इतिहास रच दिया। टांडा मेडिकल कालेज में ऐसी सर्जरी पहली बार हुई। विशेषज्ञ सर्जन डा. राजकुमार शर्मा ने अपनी टीम के साथ यह जटिल आपरेशन किए।

By Virender KumarEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 05:04 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 05:04 PM (IST)
टांडा मेडिकल कालेज ने रचा इतिहास, कोलीडोकल सिस्ट की सफल सर्जरी की
टांडा मेडिकल कालेज ने रचा इतिहास, कोलीडोकल सिस्ट की सफल सर्जरी की।

टांडा, जागरण संवाददाता। Tanda Medical College, डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा में कोलीडोकल सिस्ट (Choledochal Cyst) की सफल सर्जरी कर इतिहास रच दिया। टांडा मेडिकल कालेज में ऐसी सर्जरी पहली बार हुई। विशेषज्ञ सर्जन डा. राजकुमार शर्मा ने अपनी टीम के साथ यह जटिल आपरेशन किए। मैक्लोडगंज की 16 वर्षीय बालिका व नगरोटा बगवां की 29 वर्षीय महिला को जन्मजात बीमारी से निजात दिलाई। कोलीडोकल सिस्ट यानी पित्त की नली में जन्मजात विकृति। इससे पथरी बनने, पीलिया होने व पित्त की नली में कैंसर की संभावना रहती है।

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मैक्लोडगंज की 16 वर्षीय बालिका चार साल से पेट दर्द से कराह रही थी। जांच में पित्त की नली में विकृति यानी कोलीडोकल सिस्ट का पता चला। स्वजन बालिका को लेकर चार साल में विभिन्न अस्पतालों की खाक छान चुके थे। पीजीआइ चंडीगढ़ के भी कई चक्कर लग चुके थे, लेकिन बच्ची को राहत नहीं मिली। फिर वे टांडा मेडिकल कालेज में सर्जरी विशेषज्ञ प्रोफेसर डा. राजकुमार शर्मा के संपर्क में आए। डा. राजकुमार ने बच्ची की सभी तरह की जांच के बाद आपरेशन का निर्णय लिया।

विशेषज्ञों के मुताबिक दूसरे मामले में नगरोटा बगवां की 29 वर्षीय महिला के पेट में दर्द रहती। जांच के दौरान पता चला कि महिला को पित्त में पथरियां होने के साथ साथ पित्त की नली में जन्मजात विकृति (कोलीडोकल सिस्ट) है। इस महिला का आपरेशन भी डा. राजकुमार शर्मा और उनकी टीम ने टांडा मेडिकल कालेज में किया।

छोटी आंत को काटकर बनाई पित्त की नली

विशेषज्ञों के मुताबिक दोनों आपरेशन जटिल थे। 16 वर्षीय बालिक का आपरेशन के दौरान पाया कि पित्त की नली बार-बार दर्द व सोजिश के कारण खून की नसों से चिपकी थी। इसके बाद आपरेशन में बदलाव करते हुए लिल्ली प्रक्रिया से पित्त की नली को निकाल कर रोगी की छोटी आंत से नई नली बनाई गई। यह आपरेशन चार घंटे चला। आपरेशन सफल रहा और रोगी अब पूर्णतया स्वस्थ है। 29 वर्षीय महिला के आपरेशन में भी इसी प्रक्रिया को अपनाया गया। पित्त की नाली को निकालकर छोटी आंत से नई पित्त की नाली बनाकर सफल आपरेशन किया।

क्या होती है कोलीडोकल सिस्ट

कोलीडोकल सिस्ट यानी पित्त की नली में जन्मजात विकृति। इससे नली फुल हो जाती है। इस कारण पथरी बनने, पीलिया होने व पित्त की नली में कैंसर की संभावना रहती है।

  • ये दानों आपरेशन जून में किए गए। दोनों आपरेशन जटिल थे, लेकिन मेरी पूरी टीम डा. अमित डोगरा, डा. हिना, डा. राहुल, डा. राजकुमार वर्मा, डा. इरशान, डा. नितिन ने पूरा सहयोग किया। टांडा मेडिकल कालेज के इतिहास में ऐसी सर्जरी पहली बार हुई हैं।

-डा. राजकुमार शर्मा, प्रोफेसर सर्जरी विभाग टांडा मेडिकल कालेज।


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