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सुलतानपुर में एक ही गांव केे पांच लोगों की मौत से पसरा मातम, रात में ही कर दिया शवों का अंतिम संस्‍कार

कोतवाली देहात के अयोध्या प्रयागराज बाईपास पर शुक्रवार को ट्रालर की टक्कर से ई रिक्शा सवार छह लोगों की मौत हो गई। जबकि स्कूटी सवार शिक्षिका समेत दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे के बाद नकराही गांव के मातम पसरा है।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 11:09 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 02:15 PM (IST)
सुलतानपुर में एक ही गांव केे पांच लोगों की मौत से पसरा मातम, रात में ही कर दिया शवों का अंतिम संस्‍कार
सुलतानपुर में पांच शवों का रात में ही कर दिया गया अंतिम संस्‍कार।

सुलतानपुर, संवाददाता। किसी ने पिता खोया तो किसी की मां का आंचल छिन गया। किसी ने भाई तो किसी ने बुढ़ापे की लाठी खो दी। नकराही गांव में चार घरों से निकल रहीं सिसकियां किसी के पहुंचने पर करुण क्रंदन में बदल जा रही हैं। इस बीच बीती रात ही इस गांव के पांच मृतकों का शव दफन कर दिया गया।

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कोतवाली देहात के अयोध्या प्रयागराज बाईपास पर शुक्रवार को ट्रालर की टक्कर से ई रिक्शा सवार छह लोगों की मौत हो गई। जबकि स्कूटी सवार शिक्षिका समेत दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे के बाद नकराही गांव के मातम पसरा है। रघुवीर के घर में पति-पत्नी की मौत से सबसे ज्यादा जनहानि हुई है। यहां बच्चे बेबस हैं और कोई संभालने वाला नहीं है। बेटियों और बेटों का रो रोकर बुरा हाल है। पूरे गांव मे सन्नाटा व खामोशी है।

फूलकली के घर भी बहू, बेटी, बेटे सब रो रहे हैं। आसपास के लोग व नातेदार रिश्तेदार सभी को संभालने में जुटे हुए हैं। राजेन्द्र की मौत से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनकी पत्नी अमरावती देवी की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है, जिनको लखनऊ ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। उनका इलाज चल रहा है। घर के तीन लोग उनके साथ लखनऊ में ही हैं।

आधी रात अधिकारियों की मौजूदगी मे अंतिम संस्कार : नकराही गांव में एक साथ शुक्रवार की शाम पांच शव पहुंचे तो हर कोई रो पड़ा। सूर्य अस्त होने के कारण परिवारजन ने शनिवार को अंतिम संस्कार करने की बात की थी। देर रात पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों, एसडीएम व सीओ ने बातचीत कर उन्हें रात में ही अंतिम संस्कार करने को राजी कर लिया। गांव के बाहर मशीन से गड्ढा बनाकर पांचों शवों को एक साथ दफना दिया गया। इस गांव में दलितों के शव को जलाया नहीं जाता बल्कि दफनाया जाता है। गांव में सुरक्षा की दृष्टि से अभी दो सिपाहियों की तैनाती है।

कामनगढ़ में गोमती किनारे चालक का अंतिम संस्कार : ई-रिक्शा चालक हरीश का अंतिम संस्कार कामनगढ़ गांव के पास गोमती किनारे घाट पर हुआ। अभी भी केएआई नर्सिंग कालेज की शिक्षिका अनुराधा का इलाज प्रयागराज मेडिकल कालेज तथा राजेन्द्र की पत्नी अमरावती का इलाज लखनऊ मेडिकल कालेज में चल रहा है।


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