जीएसवीएम के ईएनटी में बिना पदों की स्वीकृति के चल रही पढ़ाई, छह पीजी सीटों की मान्यता पर संकट
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज के नाक कान गला विभाग (ईएनटी) में बिना कई पदों की स्वीकृति के पढ़ाई चल रही है। बीते दिनों विभाग में निरीक्षण के दौरान भी नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम ने कमी बताते हुए टिप्पणी की थी।
कानपुर, जागरण संवाददाता। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के नाक कान गला विभाग (ईएनटी) में बिना कई पदों की स्वीकृति के स्नातकोत्तर (पीजी) यानी एमएस इन ईएनटी की पढ़ाई चल रही है। पूर्व में विभाग के निरीक्षण के दौरान भी नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की टीम ने कमी बताते हुए टिप्पणी की थी, लेकिन अभी तक उनकी भरपाई नहीं की गई है। ऐसे में ईएनटी की छह पीजी सीटों की मान्यता पर संकट मंडरा रहा है।
मेडिकल कालेज के ईएनटी विभाग में पीजी की छह सीटें हैं। उसके हिसाब से विभाग में फैकल्टी ही नहीं है, जबकि यहां दो प्रोफसर की यूनिट होनी चाहिए। बावजूद इसके यहां तैनात एक प्रोफेसर डा. हरेंद्र कुमार को शासन ने सहारनपुर मेडिकल कालेज स्थानांतरित कर दिया है। इस समय यहां सिर्फ विभागाध्यक्ष, दो असिस्टेंट प्रोफेसर और अन्य संविदा शिक्षक हैं।
पहले भी जताई थी आपत्ति- पूर्व में निरीक्षण के लिए आए एनएमसी के इंस्पेक्टर ने फैकल्टी एवं सुविधाएं कम होने पर आपत्ति जताई थी। अपनी टिप्पणी के साथ सरकार को पत्र भी लिखा था, लेकिन आज तक उसे पूरा नहीं किया जा सका है।
इन पदों का सृजन ही नहीं- विभाग की स्थापना के बाद से आज तक बैरा टेक्नीशियन और आडियोमेट्रिक टेक्नीशियन का पद ही सृजित नहीं हो सका है। ऐसे में कान के पर्दे की जांच और उससे जुड़ी जटिलताओं का पता तक नहीं चल पाता है। इसके अलावा दो एसोसिएट प्रोफेसर के पद भी सृजित नहीं हैं।
विभाग में फैकल्टी की कमी है। ऊपर से यहां तैनात प्रोफेसर का स्थानांतरण कर दिया गया है। प्राचार्य के माध्यम से बैरा टेक्नीशियन व आडियोमेट्रिक टेक्नीशियन के पद सृजन का प्रस्ताव भेजा है, जो शासन में लंबित है। एनएमसी अपने निरीक्षण में भी पहले की टिप्पणी कर चुकी है। - प्रो. एसके कनौजिया, विभागाध्यक्ष ईएनटी, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।