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वृद्ध की हत्या में बेटा व नाती नामजद, पुलिस ने शुरू की तलाश

पुलिस ने अभियुक्तों की तलाश तेज कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 05:54 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 05:54 PM (IST)
वृद्ध की हत्या में बेटा व नाती नामजद, पुलिस ने शुरू की तलाश
वृद्ध की हत्या में बेटा व नाती नामजद, पुलिस ने शुरू की तलाश

वृद्ध की हत्या में बेटा व नाती नामजद, पुलिस ने शुरू की तलाश

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जागरण संवाददाता, भांवरकोल (गाजीपुर) : भांवरकोल क्षेत्र के लोचाइन गांव में डेरा पर सो रहे रामकरन यादव की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या करने के मामले में छोटे बेटे जीतन यादव ने बड़े भाई श्रीकांत यादव व भतीजा जयशंकर यादव के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने अभियुक्तों की तलाश तेज कर दी है।

रामकरन यादव (85) के दो पुत्र श्रीकांत यादव तथा जीतन यादव अलग रहते हैं। रामकरन अपने छोटे पुत्र जीतन के साथ ही रहते थे। रविवार की रात रामकरन लगभग एक सौ मीटर दूर बने डेरा पर बैठे थे। जीतन पिता को खाना लाने घर चला गया। वह अपने पुत्र मंजीत यादव को डेरा पर खाना लेकर जाने को कह कर स्वयं भोजने करने बैठ गया। मनजीत दादा रामकरण को खाना लेकर जब डेरा पर पहुंचा तो वह लहूलुहान पड़े हुए थे। उसने घर पहुंचकर घटना की जानकारी दी। जीतन और उसकी पत्नी शांति डेरे पर पहुंचे।

रामकरन के गले से खून निकल रहा था। जब नजदीक जाकर देखा तो रामकरन का गला धारदार हथियार से रेता गया था और चारपाई के बिस्तर पर खून से लथपथ शव पड़ा था। थानाध्यक्ष वागीश विक्रम सिंह जांच पड़ताल में जुट गए। अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) आरडी चौरसिया व क्षेत्राधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी का निर्देश दिया। क्षेत्राधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला जमीनी विवाद है।

छोटे पुत्र के प्रति लगाव हत्या का कारण तो नहीं? रामकरन यादव का परिवार संयुक्त था। तभी लगभग डेढ़ दशक पूर्व दोनों लड़कों की सहमति से बैंक से लोन लेकर एक पिकअप खरीदा गया था। पिकअप तो चलने लगी लेकिन बैंक की किस्त समय से जमा नहीं हो सकी। बैंक के बढ़ते दबाव के बीच रामकरन ने डेरा की जमीन में से एक मंडा बेंच कर बैंक का लोन चुकता कर दिया। तभी से पारिवारिक कलह शुरू हुआ और दोनों दोनों लड़के अलग-अलग रहने लगे। रामकरन अपने छोटे पुत्र जीतन के साथ रहने लगे। पिता की सेवा सुश्रुवा के लिए छोटे पुत्र जीतन यादव को चार मंडा अधिक जमीन देने के बाद दोनों लड़कों को आधी-आधी जमीन सहमति के आधार पर इस शर्त के साथ दे दी गई कि रामकरन की मृत्यु के बाद वह जमीन भी बांटी जाएगी। यह चार मंडा जमीन भी दोनों पुत्रों के बीच आपसी मनमुटाव का कारण बनी रही।


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