प्लास्टिक पर प्रतिबंध का असर नहीं
वनपर्यावरण एवं जलवायु मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना के आलोक में
प्लास्टिक पर प्रतिबंध का असर नहीं
- बदल रही लोगों की आदत, लेकिन संख्या बहुत कम
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : वन,पर्यावरण एवं जलवायु मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना के आलोक में एक जुलाई से ही प्लास्टिक की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 75 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाना है। इसे लेकर नगर निगम की ओर से क्षेत्र में कई दिनों से प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। लोगों से प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की अपील की जा रही है। इसके बावजूद इसका उपयोग जारी है। हालांकि लोगों में धीरे-धीरे जागरूकता आ रही है। व्यवसायी और दुकानदार भी इसे लेकर गंभीर है। लोगों में घर से थैला लेकर चलने की आदत पड़ रही है। कुछ दुकानदारों ने भी प्लास्टिक में सामान बेचना बंद कर दिया है, लेकिन प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह बंद नहीं हुआ है। प्रतिबंध के दूसरे दिन शनिवार को भी दुकानों में प्लास्टिक में सामान बेचते देखा गया। लोग खुले आम प्लास्टिक में सामान लेकर जाते दिखे। दुकानों में सामान खरीदने बहुत कम लोग थैला लेकर पहुंच रहे थे।
स्थिति पर नजर रख रहा है नगर निगम :
प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर नगर निगम पूरी तरह नजर बनाए हुए है। नगर निगम इस उम्मीद है लोगों पर प्रचार-प्रसार का असर पड़ेगा और वे स्वत: प्लास्टिक का उपयोग बंद कर देगें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर नगर निगम सख्त रुख भी अपनाएगा। कड़ी कार्रवाई भी करेगा। उप नगर आयुक्त स्मृता कुमारी ने बताया कि अगर लोग अपने से प्लास्टिक का उपयोग और बिक्री बंद नहीं करते हैं तो सख्त कदम उठाना पड़ेगा। इसे लेकर शीघ्र ही कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।
महिलाओं ने निकाली जागरूकता रैली :
प्लास्टिक के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए शनिवार को शहर में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत नगर निगम की ओर से जागरूकता रैली निकाली गई। उप नगर आयुक्त स्मृता कुमारी के निर्देश पर निकली रैली में विभिन्न वार्डों में गठित महिला संगठन की महिलाएं शामिल हुईँ। रैली ने विभिन्न मोहल्लों और चौक-चोराहों का भ्रमण किया। महिलाओं ने 75 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने और घर से साथ में थैला लेकर चलने की अपील लोगों से की। साथ ही कई नारे लगाकर लोगों को जागरूक किया। रैली में सावन, राम-रहिम, शक्ति, जय प्रकाश, नूतन और कल्याणी क्षेत्रीय महिला संगठन की महिलाएं शामिल थीं।