मुजफ्फरपुर में किसान-उद्यमी मिलकर चलाएंगे क्लस्टर, अब उत्पादन का मिलेगा पूरा फायदा
Muzaffarpur News कुढऩी एग्रो प्रोड्यूसर क्लस्टर से पांच हजार से अधिक किसानों को मिल सकेगा लाभ। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय कर रहा सहयोग गुवाहाटी का भारतीय उद्यमिता संस्थान बना नोडल एजेंसी। क्लस्टर के लिए 5 करोड़ 23 लाख रुपये स्वीकृत।
मुजफ्फरपुर, {अमरेंद्र तिवारी}। मौसम आधारित एग्रो प्रोड्यूसर क्लस्टर किसानों को समृद्धि देगा। इसमें मौसमी फसलों और फलों से फूड प्रोडक्ट का निर्माण होगा। आम-लीची व अन्य फलों की उपलब्धता से जूस, जैम-जेली, केचअप के अलावा चिप्स, रोस्टेड मखाना व अचार आदि तैयार किए जाएंगे। इससे स्थानीय किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर भाव मिल सकेगा। कुढऩी एग्रो प्रोड्यूसर क्लस्टर से पांच हजार से अधिक किसानों को लाभ मिल सकेगा।
क्लस्टर से जुड़ेंगे 501 किसान व उद्यमी
क्लस्टर के प्रबंध निदेशक रामप्रवेश कुमार के अनुसार, इसे किसान और उद्यमी मिलकर चलाएंगे। इसमें सीधे तौर पर 501 किसानों व उद्यमियों को जोड़ा जाएगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के सहयोग से बनने वाले क्लस्टर को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में संचालित किया जाएगा। इसके लिए भारतीय उद्यमिता संस्थान, गुवाहाटी को नोडल एजेंसी बनाया गया है, जबकि स्थानीय हनुमान प्रसाद ग्रामीण विकास सेवा समिति को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है।
क्लस्टर के लिए पांच करोड़ 23 लाख रुपये स्वीकृत
संचालन के लिए जिलाधिकारी के नेतृत्व में सलाहकार समिति बनी है। सदस्य के रूप में स्थानीय पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद अध्यक्ष, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, अग्रणी बैंक के जिला प्रबंधक, एमएसएमई के सहायक निदेशक, जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड और बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता को शामिल किया गया है। एमएसएमई मंत्रालय की ओर से पांच करोड़ 23 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद कामन सुविधा केंद्र का निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
लीची, केला व आम उत्पादकों को मिलेगा लाभ
प्रबंधक निदेशक के अनुसार, यहां वर्ष भर फूड प्रोसेस कर वैल्यू एडेड प्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे। क्लस्टर डेवलपमेंट एक्जीक्यूटिव अमित कुमार ने बताया कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत क्लस्टर का निर्माण किया जा रहा है। इससे वर्ष भर विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाए जाएंगे। इसका फायदा किसानों को होगा। फूड प्रोसेसिंग प्लांट होने से कृषि उत्पादों को बेहतर भाव भी मिल सकेगा। कई बार आलू और टमाटर के बंपर उत्पादन पर किसानों को भाव नहीं मिलता, लेकिन चिप्स या केचअप बनने से वैल्यू एड हो सकेगा।
जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बजाया कि, क्लस्टर का निर्माण प्रगति पर है। इसके शुरू होने से उद्यमियों और किसानों को लाभ मिलेगा।