60 रुपये प्लेट भोजन और 110 रुपये किलो दही, कोल्ड ड्रिंक्स और पानी एमआरपी पर
श्रावणी मेला 2022 बिहार के सुल्तानगंज से झारखंड के बाबाधाम और बासुकीनाथ की पैदल कांवर यात्रा में कांवरियों को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए संबंधित जिला प्रशासन लगातार तैयारी कर रही है। खाद्य पदार्थ के दाम निर्धारित किए जा चुके हैं।
संवाद सूत्र, बेलहर (बांका)। श्रावणी मेला 2022 : श्रावणी मेले में कांवरिया पथ पर गुणवत्ता का पूर्ण ध्यान रखा जाएगा। कोई भी दुकानदार बासी व घटिया भोजन, एक्सपायरी डेट की कोल्ड ड्रिंक्स आदि श्रद्धालुओं को मुहैया नहीं कराएगा। खाद्य सामग्री को हमेशा जालीदार व सूती कपड़ों से ढंककर दुकानदारों को रखना होगा। खाद्य सामग्री की कीमत जिला प्रशासन द्वारा तय की गई निर्धारित दर पर ही लेना होगा। दुकानों के आगे मूल्य तालिका को लेमिनेशन कराकर टांगना होगा। ताकि श्रद्धालुओं को भी खाद्य सामग्री की वास्तविक कीमत का पता चल सके। कोल्ड ड्रिंक्स और ठंडा पानी को एमआरपी दर पर बेचना होगा। वह भी एक्सपायरी डेट की नहीं हो।इसके जांच की जिम्मेदारी संबंधित प्रखंडों के एमओ को दी गई है। जिन्हें प्रतिदिन कांवरिया पथ का भ्रमण करना होगा। शिकायत मिलने पर संबंधित दुकानदारों खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी।
खाद्य सामग्री की निर्धारित मूल्य
नींबू चाय- सात रुपये प्रति ग्लास, दूध चाय-10 रुपये प्रति ग्लास, दो सौ ग्राम चावल, एक सौ ग्राम दाल, सब्जी, भुजिया, नींबू, पापड़, आचार-60 रुपये, पांच रोटी, एक सौ ग्राम दाल, सब्जी, भुजिया-60 रुपये, कचौड़ी चार पीस, जिलेबी दो पीस, सब्जी दो सौ ग्राम-45 रुपये, दही एक किलोग्राम-110 रुपये, चूड़ा-30 रुपये प्रति किलोग्राम, आलू पराठा सब्जी सहित-25 रुपये प्रति पीस, सत्तू पराठा सब्जी सहित-25 रुपये प्रति पीस, तंदूरी पराठा भाजा सहित-25 रुपये प्रति पीस, लस्सी-20 रुपये प्रति ग्लास, छेना रसगुल्ला-10 रुपये प्रति पीस, मशाल ढोंसा-60 रुपये प्रति पीस, चाउमीन-40 रुपये प्रति प्लेट, कोल्ड ड्रिंक्स और सीलबंद पानी की बोतल-एमआरपी पर
कोरोना काल में थम गया था कांवरियों का कारवा
सूत्र बाराहाट, (बांका): श्रावणी मेले का आगाज 14 जुलाई से शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही भागलपुर-बासुकीनाथ कांवरिया पथ पर खास कर डाक बम कांवरियों का जत्था आकर्षण का केंद्र रहेगा। कोरोना काल में दो साल बाद श्रावणी मेले का आयोजन इस बार हो रहा है। इस कारण इस कांवरिया पथ से भी लाखों कांवरियों के गुजरने की संभावना है। जिसमें खासकर डाक कांवरिया शामिल होंगे। जो सोमवार को बासुकीनाथ के फौजदारी बाबा के ज्योर्ति लिंग पर जलाभिषेक के लिए भागलपुर उत्तरवाहिनी गंगा से गंगा जल भर कर रविवार को इस क्षेत्र से गुजरेंगे। जिनकी सेवा व स्वागत के लिए सड़क के दोनों किनारों पर श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ता है। डाक बम की सेवा में धर्म की दीवार भी टूट जाती है। डाक कांवरियों की सेवा में पूरी आस्था और भक्ति भाव के साथ पूरी तरह समर्पित रहते हैं।
इसके अलावा इस पथ पर सावन माह में हर दिन सैकड़ों कांवरिया भी बाबा भोले नाथ को जल चढाने के लिए इस होकर गुजरते हैं। कोई नींबू पानी तो कोई दर्द का मरहम तो कोई गर्म पानी पैरों पर देते नजर आते हैं। जिससे कांवरियों का दर्द कुछ कम हो सके और सेवा का कुछ फल उसे भी मिल सके। कांवरिया कई धार्मिक स्थलों की दूरी तय कर विभिन्न शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। इसमें बाराहाट का लबोखरनाथ धाम, प्रचंड धाम, बौंसी के शिंगेश्वर नाथ, सुमेश्वर नाथ, पीपरा नाथ, बाबा कैरी नाथ, पंचवा नाथ, कामधेनू मंदिर एवं झारखंड के गोड्डा स्थित रतनेश्वर धाम सहित अन्य शिव मंदिर व शिवालय शामिल हैं।