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School Van: प्रयागराज आरटीओ ने 800 अनफिट गाड़ियों के मालिकों और स्कूल मैनेजमेंट को भेजा नोटिस

प्रयागराज जनपद में 875 स्कूली वाहन ऐसे हैं जिनका फिटनेस लंबे समय से समाप्त हो चुका है। अप्रैल के प्रथम सप्ताह में इनके स्वामियों और स्कूल प्रबंधन को नोटिस भेजा गया था लेकिन यह वाहन फिटनेस के लिए आरटीओ आफिस नहीं पहुंचे। आरटीओ विभाग ने अभियान चलाना शुरू किया

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2022 01:19 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2022 01:19 PM (IST)
School Van: प्रयागराज आरटीओ ने 800 अनफिट गाड़ियों के मालिकों और स्कूल मैनेजमेंट को भेजा नोटिस
अनफिट स्कूली वाहनों के खिलाफ संभागीय परिवहन विभाग ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अनफिट स्कूली वाहनों के खिलाफ संभागीय परिवहन विभाग ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। इस अभियान के तहत 800 अनफिट स्कूली वाहनों के मालिकों और विद्यालय प्रबंधतंत्र को नोटिस भेजा गया है। इसके अलावा 15 वर्ष से अधिक पुराने 110 वाहनों का भी पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इनके कागजात अभी तक आरटीओ आफिस में जमा नहीं हुए हैं।

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चलते मिले अनफिट वाहनों को सीज करने का आदेश

प्रयागराज जनपद में 875 स्कूली वाहन ऐसे हैं, जिनका फिटनेस लंबे समय से समाप्त हो चुका है। अप्रैल महीने के प्रथम सप्ताह में इनके स्वामियों और स्कूल प्रबंधन को नोटिस भेजा गया था लेकिन यह वाहन फिटनेस के लिए आरटीओ आफिस नहीं पहुंचे। आरटीओ विभाग ने अभियान चलाना शुरू किया और 75 ऐसे वाहनों को सीज कर दिया जबकि 800 वाहनों का पता नहीं चला था। ऐसे में उनका रजिस्ट्रेशन और परमिट निलंबित कर दिया गया था। अब स्कूल खुल गए हैं तो इनका भी संचालन चोरी-छिपे शुरू हो गया है। सोमवार देर शाम एआरटीओ प्रशासन राजीव चतुर्वेदी ने इन सभी वाहनों के स्वामियों और स्कूल प्रबंधन को नोटिस भिजवाया।

इसमें कहा गया है कि सप्ताह भर के भीतर वाहनों का फिटनेस कराने के साथ ही सभी कागजातों को दुरुस्त कराने के बाद ही वाहनों का संचालन किया जाए। अन्यथा पकड़े जाने पर जुर्माने के साथ ही वाहनों को सीज किया जाएगा। मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।

ये हैं मानक

-स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए।

-रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

-जीपीएस सिस्टम होना चाहिए।

-स्पीड मीटर हर छह माह में अपडेट होना चाहिए।

-खिड़कियों पर तीन सेफ्टी ग्रिल लगी होनी चाहिए। इनकी आपस की दूरी पांच से सात इंच होनी चाहिए।

-बस और वैन 15 वर्ष से अधिक पुरानी न हो।

-रिफलेक्टर टेप लगा हो।

-आपातकालीन गेट लगा हो।

-सावधान स्कूली बच्चें है लिखा हो।

-नंबर प्लेट साफ हो।

-पावदान की ऊंचाई एक फिट से अधिक न हो।

-फर्स्ट एड बाक्स हो।

-अग्निशमन यंत्र हो।

-प्रेशर हार्न न हो।

-बैग रखने की जगह हो।

-बोतल रखने के लिए क्लिप हो।

-सीटों की स्थिति अच्छी हो।

यह भी जरूरी

-बस में ड्राइवर के साथ कंडक्टर और एक महिला अटेंडड होनी चाहिए।

-बस ड्राइवर के पास एक वर्ष के भीतर का फिटनेस सर्टिफिकेट होना चाहिए, जिसमें आंखों की फिटनेस अनिवार्य है।

-चालक वर्दी में रहना चाहिए।

ये कागजात जरूरी

-प्रदूषण प्रमाण पत्र हो।

-रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र हो।

-परमिट वैध हो।

-डीएल पांच वर्ष पुराना हो।

-सीएनजी का नो लीकेज प्रमाण पत्र हो।


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