PM Modi Varanasi Visit : वाराणसी में अक्षय पात्र के किचन में सौर ऊर्जा से तैयार होगा भोजन, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
PM Modi Varanasi Visit इस रसोई में एक लाख छात्रों के लिए मध्याह्न भोजन पकेगा। 24 करोड़ से बने किचेन में एक बार में 100 किलो आटा की रोटी पकेगी। चार अलग-अलग ‘दाल कॉल्डेरॉन’ में 1600 लीटर दाल बनेगी।
वाराणसी, जेएनएन। PM Modi Varanasi Visit : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर अक्षय पात्र किचन का उद्घाटन करेंगे। अक्षय पात्र एक स्वयं सेवी संस्था है जो कि उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्यों में स्कूली बच्चों के लिए भोजन (मिड डे मील) उपलब्ध कराती है। वाराणसी में आज इसके 62वें केन्द्र का उद्घाटन पीएम नरेन्द्र मोदी करेंगे।
अक्षय पात्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष भरतशाभा दास ने बताया कि आज का दिन हमारे लिए बहुत शुभ दिन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी में हमारे किचन का उद्घाटन करेंगे। यह हमारा देश का 62वां किचन है। इसकी क्षमता एक लाख बच्चों को एक साथ खाना खिलाने की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार के काशी प्रवास की शुरुआत स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन के लिए बने अक्षय पात्र किचन के लोकार्पण के साथ करेंगे।
भरतशाभा दास ने बताया कि इस किचन की खासियत यह है कि यहां खाना पकाने के लिए गैस और सोलर एनर्जी का उपयोग होता है। सभी जगह पर हम सुनिश्चित करते हैं कि खाने का स्वाद और पोषण अच्छा हो। अब हमारी योजना वाराणसी में सभी 278 प्राइमरी तथा परिषदीय स्कूल के बच्चों को खाना खिलाने की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से पहले अक्षय पात्र रसोई में तैयारियां पूरी हो गई हैं।
इस रसोई में एक लाख छात्रों के लिए मध्याह्न भोजन पकेगा। 24 करोड़ से बने किचन में एक बार में 100 किलो आटा की रोटी पकेगी। चार अलग-अलग ‘दाल कॉल्डेरॉन’ में 1600 लीटर दाल बनेगी। स्टीम कुकर एक बार में 100 किलो चावल पकाएगा। फाउंडेशन की ओर से स्थापित मध्याह्न भोजन केंद्रीयकृत रसोई में एक घंटे में 40 हजार रोटियां बन सकेंगी। 45 मिनट में 130 किलो चावल पकाया जा सकेगा। 1200 किलो दाल-सब्जी पकने में मात्र डेढ़ घंटे लगेंगे। रसोई में आटा गूंथने से लेकर रोटी पकाने, दाल-सब्जी बनाने, मसाला पीसने जैसे काम अत्याधुनिक मशीनों से होंगे। इसकी क्षमता चार घंटे में एक लाख बच्चों का भोजन तैयार करने की है। पहले चरण में 27,000 बच्चों को मिड-डे मील उपलब्ध कराया जाएगा। सामाजिक व शिक्षा से संबंधित जिन परियोजनाओं का उद्घाटन होना है, उनमें महगांव में आईटीआई, बीएचयू में वैदिक विज्ञान केंद्र का दूसरा चरण, रामनगर में राजकीय बालिका गृह, वृद्धाओं व निराश्रित बच्चों के लिए दुर्गाकुंड में बना थीम पार्क भी शामिल है।
अक्षय पात्र फाउण्डेशन भारत की एक अशासकीय संस्था है जो देश के 12 राज्यों में 14702 स्कूलों में करीब 17 लाख स्कूली छात्रों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराती है। इस संस्था का नाम दिसम्बर, 2009 में लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स में अंकित किया गया है। इसके साथ ही सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उसे सीएनबीसी ने सम्मानित किया है। अक्षय पात्र फाउण्डेशन ने भारत में वर्ष 2000 से काम करना प्रारंभ किया।