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डुमरिया स्थित पितंबरा तालाब का अमृत सरोवर योजना के तहत होगा कायाकल्प

राघवेंद्र प्रसाद साहा सिधवलिया (गोपांलगज) आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जिले में 75 अमृत सरो

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 10:32 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 10:32 PM (IST)
डुमरिया स्थित पितंबरा तालाब का अमृत सरोवर योजना के तहत होगा कायाकल्प
डुमरिया स्थित पितंबरा तालाब का अमृत सरोवर योजना के तहत होगा कायाकल्प

राघवेंद्र प्रसाद साहा, सिधवलिया (गोपांलगज) : आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जिले में 75 अमृत सरोवर बनाए जाने की योजना है। इसके लिए 93 जलस्रोतों को चिह्नित किया गया है। वहीं, सिधवलिया प्रखंड में मात्र एक जलस्रोत को इसके लिए चिह्नित किया जा सका है। यहां एक मात्र चिह्नित डुमरिया पंचायत अंर्तगत पुराना डुमरिया स्थित नागेश्वरनाथ मंदिर के पास के पितंबरा पोखर को मनरेगा के तहत अमृत सरोवर के रूप में विकसित करने का काम चल रहा है। कार्य प्रारंभ होने से आसपास के लोगों में काफी उत्साह और खुशी देखी जा रही है। अमृत सरोवर के निर्माण के साथ ही लोगों को सिचाई तथा अन्य कार्यों के लिए पूरे वर्ष पानी मिल सकेगा। वहीं, आसपास के क्षेत्रों में जलस्तर बरकरार रहेगा। पोखर के जीर्णोद्धार में 9 लाख 96 हजार 130 रुपये खर्च होंगे। इस दौरान 4344 मानव दिवस सृजित होंगे।

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ज्ञात हो कि डुमरिया स्तिथ नागेश्वरनाथ मंदिर के समीप ऐतिहासिक पोखर पितंबरा है। ऐतिहासिक पोखर देखरेख एवं जीर्णोद्धार के अभाव के कारण धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खोते जा रहा था। इसकी तलहटी भी गाद भर जाने से ऊपर आ गई थी। इस कारण वर्षा का मौसम बीतते ही पोखर सूख जाता था। वहीं, धीरे-धीरे जमीन का जलस्तर नीचे चला जाता था। इस पोखर की पश्चिम ओर 300 मीटर की दूरी पर नागेश्वरनाथ मंदिर है।

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पितंबरा पोखर का इतिहास

पितंबरा पोखर के बारे में ग्रामीण बताते हैं कि अंग्रेज शासन के पूर्व डुमरिया पंचायत के रामपुरवा गांव में दो कानू समाज के व्यक्ति थे, जिनका नाम मधु साह और पितंबर साह था। दोनों को संतान नहीं थी। अपना नाम चलाने के लिए दोनों ने एक-एक पोखरा खोदवाया, जो महुआ और पितंबरा के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसी में से एक पितंबरा पोखर को अब अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जा रहा है।

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पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकेगा नागेश्वरनाथ मंदिर

पितंबरा पोखर का विकास हो जाने पर इसमें विभाग द्वारा मछली पालन किया जाएगा। नागेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत होगी। वर्षा बाद इस पोखर के सुंदरीकरण के लिए अन्य कार्य भी कराए जाएंगे। इसमें 25 से 30 फीट चौड़े बांध पर पांच फीट का पेवर ब्लाक बिछाया जाएगा। इस पोखर के एक तरफ तिरंगा झंडा फहराने के लिए स्थल का भी निर्माण होगा। पोखर का कुल रकबा दो एकड़ दो डिसमिल है। अब तक 15 प्रतिशत कार्य हो सका है। पितंबरा पोखर के अमृत सरोवर के रूप में विकसित होने पर नागेश्वरनाथ मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकेगा।


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