वर्षा के दौरान पीने के पानी को लेकर बरतें सावधानी
मानसून की वर्षा के साथ अब पौड़ी शहर में पीने के पानी को लेकर भी सावधानी बरतनी होगी। वर्षाकाल में नदी से दूषित पानी के आपूर्ति होने आशंका भी बनी रहती है। पहाड़ियों के जगह-जगह दरकने से मलबा नदी में जाने से भी कई बार यह समस्या पैदा होती है। हालांकि जल संस्थान की ओर से पानी को फिल्टर करने के बाद ही आपूर्ति की जाती है लेकिन शहर में कई स्थान ऐसे हैं जहां उपभोक्ताओं के पानी के निजी पाइप लाइन गंदी नालियों से भी होकर गुजर रही हैं।
जागरण संवाददाता, पौड़ी: मानसून की वर्षा के साथ अब पौड़ी शहर में पीने के पानी को लेकर भी सावधानी बरतनी होगी। वर्षाकाल में नदी से दूषित पानी के आपूर्ति होने आशंका भी बनी रहती है। पहाड़ियों के जगह-जगह दरकने से मलबा नदी में जाने से भी कई बार यह समस्या पैदा होती है। हालांकि जल संस्थान की ओर से पानी को फिल्टर करने के बाद ही आपूर्ति की जाती है, लेकिन शहर में कई स्थान ऐसे हैं जहां उपभोक्ताओं के पानी के निजी पाइप लाइन गंदी नालियों से भी होकर गुजर रही हैं।
पौड़ी शहर में नानघाट पेयजल योजना के अलावा श्रीनगर पंपिग पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति होती है। इस सबके बीच मानसूनी सीजन में कई बार उपभोक्ताओं के घरों में लगे पानी के नलों में दूषित पानी की आपूर्ति भी यदा-कदा मिलती रहती है। इसकी एक वजह नदी का जल स्तर बढ़ने और भारी गाद आने से भी यह समस्या पैदा हो जाती है। शहर में कई स्थान ऐसे हैं जहां उपभोक्ताओं की निजी पानी के पाइप गंदी नालियों से होकर घरों तक पहुंचते हैं। ऐसे में मानसून की वर्षा के दौरान निजी पाइप लाइनों के लीकेज होने की दशा में गंदी नालियों का पानी भी इन नलों में जाने की संभावना होकर पानी दूषित हो सकता है। ऐसे में उपभोक्ताओं को घरों में पानी को फिल्टर, या गर्म करने के बाद ही सेवन करना स्वास्थ्य के लिहाज से भी बहुत जरुरी हो जाता है। हालांकि जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके राय का कहना है कि विभाग की ओर से पानी को फिल्टर करने के बाद ही उपभोक्ताओं को आपूर्ति की जाती है। ऐसे में नालियों से गुजर रही पाइप लाइन को लेकर खुद भी उपभोक्ताओं को सावधानी बरतनी जरुरी हो जाता है।