Old Pension Scheme: झारखंड में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा... हेमंत सोरेन 26 को पेंशन महासम्मेलन में करेंगे एलान
Old Pension Scheme Jharkhand रांची के मोहराबादी मैदान में 26 जून को पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने को लेकर सरकारी कर्मियों का पेंशन महासम्मेलन होगा। इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। इस मौके पर वे झारखंड में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा कर सकते हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Old Pension Scheme in Jharkhand राजधानी रांची के मोहराबादी मैदान में 26 जून को पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग को लेकर सरकारी कर्मियों का पेंशन महासम्मेलन होगा। इसमें ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस महासम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। इस मौके पर वे राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा कर सकते हैं।
नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) झारखंड ने पेंशन महासम्मेलन का आयोजन किया है। इस दौरान झारखंड में छत्तीसगढ़ माडल पर पुरानी पेंशन स्कीम की घोषणा संभव है। एनएमओपीएस झारखंड के सम्मेलन की तैयारी में जुटे हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य सरकार के कर्मियों को पुरानी पेंशन स्कीम की सौगात देंगे।
गांव मजबूत होगा तभी राज्य मजबूत होगा : हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के पदाधिकारियों और कर्मचारियों को अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने की नसीहत दी है। प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में कार्मिक, प्रशासनिक और राजभाषा विभाग द्वारा शुक्रवार को आयोजित प्रशासनिक क्षमता संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि गांव को मजबूत करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। गांव मजबूत होगा तभी पंचायत, प्रखंड, जिला और राज्य मजबूत होगा। आप सभी पदाधिकारी राज्य के जड़ों में कार्य करने वाले लोग हैं। सरकार की सभी योजनाओं को विकास की राह में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना आप सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।
राज्य को बेहतर दिशा देने में अपनी अहम भूमिका निभाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप हमारे आंख, कान और नाक बनकर काम करते हैं। आपकी कार्यशैली से किसी का अहित न हो इसका पूरा ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य अन्य राज्यों से काफी अलग है। हमारे राज्य में पांच प्रमंडल हैं। पांचों प्रमंडलों में कुछ-कुछ विविधताएं हैं। झारखंड आदिवासी, दलित, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक बहुल राज्य है। इस राज्य के अलग-अलग भौगोलिक वातावरण तथा भाषा, संस्कृति के अनुसार व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करते हुए आगे बढ़ने की आवश्यकता है। सरकार की छोटी-छोटी योजनाओं का संभ्रांत लोगों पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता है। सरकार की योजनाएं गरीब, मजदूर तथा किसान वर्ग के लोगों को ही प्रभावित करती हैं। ऐसे वर्गों के लोगों को समृद्धि और खुशहाली की ओर दिशा देना आपकी जिम्मेदारी है।
पद का नहीं कर सकते दुरुपयोग
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आप अपने पद का दुरुपयोग कर गलती नहीं कर सकते हैं क्योंकि सभी कड़ियां एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी जिम्मेदारियां सीमित लोगों के भरोसे नहीं चल सकती हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने सभागार में उपस्थित सभी पदाधिकारियों से अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल डाडेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन और वर्ष 2020 में नियुक्त झारखंड प्रशासनिक सेवा के सभी पदाधिकारी सहित अन्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री की पदाधिकारियों को नसीहत
स्थानीय भाषा की जानकारी रखें। भाषा की जानकारी के अभाव में बिचौलिया हावी न हो इसका ख्याल रखें।- सर्वजन पेंशन योजना का लाभ सभी पात्र लोगों को मिले यह सुनिश्चित करें। - आम जनता के साथ आप बाबू साहब वाला रिश्ता न रखें।
काम ऐसा करें ताकि आम जनता आपको याद रखे
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान वर्ष 2020 में नियुक्त इन सभी पदाधिकारियों द्वारा किए गए विकास कार्यों एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने निमित्त इनके कार्यशैली की सराहना की। आलमगीर आलम ने कहा, आप सभी लोग अपने-अपने प्रखंड एवं कार्यक्षेत्र में ही मजदूर तथा जरूरतमंदों को रोजगार देना सुनिश्चित करें। राज्य से मजदूरों का पलायन न हो इसका ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि आप सभी पदाधिकारी ऐसा काम करें कि आम जनता आपको याद रखें आपके कामों की तारीफ करे।
इन पदाधिकारियों ने साझा किए अपने अनुभव
इस मौके पर झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने अपने कार्य अनुभव साझा किए। मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी (डुमरी प्रखंड) एकता वर्मा, प्रखंड विकास पदाधिकारी (गुड़ाबांधा प्रखंड) स्मिता नगेशिया, प्रखंड विकास पदाधिकारी (बरही प्रखंड) क्रिस्टीना रिचा इंदवार, कार्यपालक दंडाधिकारी (गढ़वा) अशोक कुमार भारती ने अपने-अपने प्रखंड क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के प्रभाव के समय किए गए विकास कार्य, अनुभव एवं सुझाव से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।