Move to Jagran APP

नाइजीरिया के चीनी मिल कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहा एनएसआइ, आनलाइन कोर्स में इंजीनियर व तकनीकी कर्मचारी ले रहे प्रतिभाग

कानपुर में एनएसआइ में नाइजीरिया स्थित मेसर्स सुनती गोल्डन शुगर एस्टेट कंपनी के तकनीकी कर्मचारियों के लिए छह सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया। वहीं कोर्स आनलाइन आयोजित हो रहा है। इस कोर्स में 30 से अधिक इंजीनियर व तकनीकी कर्मचारी प्रतिभाग ले रहे हैं।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 01:45 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 01:45 PM (IST)
नाइजीरिया के चीनी मिल कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहा एनएसआइ, आनलाइन कोर्स में इंजीनियर व तकनीकी कर्मचारी ले रहे प्रतिभाग
कानपुर में एनएसआइ में प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत।

कानपुर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआइ) में सोमवार से नाइजीरिया स्थित मेसर्स सुनती गोल्डन शुगर एस्टेट कंपनी के तकनीकी कर्मचारियों के लिए छह सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया। आनलाइन आयोजित हो रहे इस कोर्स में 30 से अधिक इंजीनियर व तकनीकी कर्मचारी प्रतिभाग ले रहे हैं।

loksabha election banner

निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि नाइजीरिया चीनी की कमी वाला देश है, जो आयात के माध्यम से अपनी 95 प्रतिशत से अधिक घरेलू आवश्यकता पूरा करता है। नाइजीरिया लगभग 17 लाख मीट्रिक टन चीनी का आयात करता है, जो मुख्यत: ब्राजील से आयात की जाती है। सितंबर 2012 में नाइजीरिया की सरकार ने कम समय में चीनी उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय चीनी विकास परिषद की ओर से विकसित नीति दस्तावेज के रूप में नाइजीरिया शुगर मास्टर प्लान अपनाया। लेकिन चीनी संयंत्रों को दक्षता के साथ संचालित करने के लिए नाइजीरिया को योग्य जनशक्ति की जरूरत है।

इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय शर्करा संस्थान सहायता प्रदान कर रहा है। नाइजीरिया में चीनी कारखाने अपने तकनीकी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय शर्करा संस्थान का सहयोग मांग रहे हैं। इसी के तहत इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को शुरू किया गया है। निदेशक ने बताया कि संस्थान उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी और मानक संचालन प्रक्रियाओं की जानकारी दे रहा है, ताकि कम लागत पर अच्छी गुणवत्ता वाली चीनी का उत्पादन किया जा सके। संस्थान के शिक्षक चीनी के सुरक्षित प्रसंस्करण और पैकेजिंग, प्रसंस्करण के दौरान उपयोग की जाने वाली नवीनतम मशीनरी के साथ ही भाप, बिजली और रसायनों की खपत कम करने के उपाय के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.