सिर्फ स्वास्थ्य ही नहीं विकास, पंचायत विभाग में भी तबादला नीति की अनदेखी, एक साल पहले आने वालों का हो गया स्थानांतरण
स्वास्थ्य विभाग में तबादले को लेकर घमासान मचा है तो वही अन्य विभाग भी इससे अछूते नहीं हैं। उप मुख्यमंत्री के सवाल के बाद अन्य विभाग से जुड़े अधिकारी भी नियमों की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : स्वास्थ्य विभाग में तबादले को लेकर घमासान मचा है तो वही अन्य विभाग भी इससे अछूते नहीं हैं। उप मुख्यमंत्री के सवाल के बाद अन्य विभाग से जुड़े अधिकारी भी नियमों की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि कोई लिखित शिकायत करने की साहस नहीं जुटा पा रहा है।
जिले में ग्राम विकास विभाग से एक साल पहले आए जिला विकास अधिकारी राजेश कुमार यादव का यहां से तबादला हो गया लेकिन मनरेगा विभाग पर शासन की नजर नहीं पड़ीं। पिछले तीन साल से अधिकारी अपनी कुर्सी पर डटे हैं। पंचायत विभाग में एडीपीआरओ राकेश डीपीआरओ बन गए लेकिन इसी विभाग में तैनात अन्य अफसर अभी यहीं पड़े हैं। एसडीएम सदर एन के कलाल का यहां से तबादला हो गया लेकिन कई एडीएम लंबे समय से यहीं पड़े हैं।
जुगाड़ हावी
अधिकारियों का कहना है कि सब कुछ जुगाड़ का खेल है। जिसकी जुगाड़ उसका तबादला। जुगाड़ नहीं तो कोई पूछने वाला ही नहीं। हालांकि ऐसे लोगों में खासा नाराजगी दिख रही है लेकिन आवाज बुलंद करने की किसी में साहस नहीं है। इधर, उप मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद नाम न छापने की शर्त पर सभी अपना दर्द साझा कर रहे हैं।
लोकल स्तर पर कर्मचारियों के तबादले में भी झोल
जिले के कई विभाग में पिछले पांच साल से अधिक समय से तैनात कर्मचारियों के ताबदले हुए हैं लेकिन यहां भी नियमों की अनदेखी की गई। कई कर्मियों का आरोप है कि अफसरों के कृपा पात्र की कुर्सी बरकरार रही। जिसकी पहुंच नहीं थी उसे अन्यत्र ब्लाक, तहसील भेज दिया गया।