रेलवे स्टेशनों पर टायलेट, पार्किंग और विज्ञापन का भी ठेका ई-नीलामी से होगा, क्या है रेलवे की योजना
रेलवे में अब छोटे कामों के टेंडर नहीं निकलेंगे बल्कि इसके लिए की नीलामी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। आनलाइन तरीके से ई-नीलामी पर कोई भी बोली लगा सकेगा। अधिक बोली लगाने वाले को छोटे काम करने का मौका मिल जाएगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी साथ ही रेलवे को अधिक लाभ मिल सकेगा।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। छोटे-छोटे बदलावों से रेलवे की पहचान को पारदर्शी व सुविधाजनक बनाया जा रहा है । रेलवे बोर्ड जन सुविधाओं के लिए लगातार नए आदेश जारी कर रहा है और उसे लागू करने के साथ पुरानी व्यवस्था को नई डिजिटल व्यवस्थाओं से जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में छोटे कामों के लिए होने वाले टेंडर प्रक्रिया में भी बदलाव किया जा रहा है।
पारदर्शिता बढ़ेगी व रेलवे को होगा अधिक लाभ : रेलवे में अब छोटे कामों के टेंडर नहीं निकलेंगे बल्कि इसके लिए की नीलामी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। आनलाइन तरीके से ई-नीलामी पर कोई भी बोली लगा सकेगा और अधिक बोली लगाने वाले को छोटे काम करने का मौका मिल जाएगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी साथ ही रेलवे को अधिक लाभ मिल सकेगा।
रेलवे स्टेशन पर टायलेट, पार्किंग और विज्ञापन का भी ठेका ई-नीलामी से होगा : रेलवे स्टेशन पर टायलेट की व्यवस्था हो अथवा पार्किंग के लिए दिए जाने वाला ठेका अब ई-नीलामी के जरिए ही मिलेगा। इसके अलावा विज्ञापन आदि के लिए भी टेंडर की प्रक्रिया नहीं होगी। बल्कि ई नीलामी के जरिए स्टेशन पर विज्ञापन के लिए जगह मिल जाएगी। इतना ही नहीं एटीएम आदि लगाने के लिए भी अब की नीलामी के जरिए ही बोली लगाई जा सकेगी और पारदर्शी तरीके से बोली लगाने वाले को संबंधित कार्य करने का मौका मिलेगा। रेलवे को इससे मुनाफा मिलेगा।
34 छोटे कार्य को ई नीलामी के जरिए देगा रेलवे : खान-पान का स्टाल, सफाई, टायलेट, पार्किंग, प्रचार के लिए विज्ञापन, व्यवसायिक कार्य के लिए जगह समेत इस तरीके के 34 छोटे कार्यों का चयन ई-नीलामी के लिए चुना गया है। रेलवे की वेबसाइट के जरिए इन पर बोली लगाई जा सकेगी। जाहिर है कि इससे कागजी कार्य कम होगा। डिजिटल भारत की दिशा में या एक सार्थक कदम होगा। इसमें सोर्स शिफारस और भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी खत्म हो जाएगी।
क्या बोले एनसीआर के सीपीआरओ : उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डा. शिवम शर्मा ने बताया कि छोटे कार्यों के लिए टेंडर जारी करने की प्रक्रिया नहीं होगी। बल्कि छोटे कार्य के लिए नीलामी होगी। वेबसाइट के जरिए आवेदक अपनी बोली लगा सकेंगे। सबसे अधिक बोली लगाने वाले को ही कार्य का ठेका मिल जाएगा।