Move to Jagran APP

Disproportionate Assets Case: आय से अधिक संपत्ति मामले में ओम प्रकाश चौटाला की याचिका पर दिल्ली HC ने मांगा जवाब

Disproportionate Assets Case हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने आय से अधिक संपत्ति मामले में उन्हें मिली चार साल कारावास की सजा को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इस पर सीबीआइ को दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 07 Jul 2022 12:06 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jul 2022 01:20 PM (IST)
Disproportionate Assets Case: आय से अधिक संपत्ति मामले में ओम प्रकाश चौटाला की याचिका पर दिल्ली HC ने मांगा जवाब
Disproportionate Assets Case: सजा के खिलाफ हरियाणा के पूर्व सीएम सजा की अपील, दिल्ली HC ने मांगा सीबीआइ से जवाब

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। आय से अधिक संपत्ति मामले में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई चार साल की सजा के निर्णय को चुनौती देने वाली हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाब मांगा है।

loksabha election banner

दिल्ली  न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने याचिका पर सीबीआइ को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई 25 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 27 मई को निर्णय सुनाते हुए चौटाला पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए सिरसा व पंजकूला समेत चार संपत्ति सीज करने का आदेश दिया था। वर्ष 2010 में सीबीआइ ने आय से अधिक संपत्ति मामले में चौटाला के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

आय से अधिक संपत्ति मामले में 4 साल की सजा पाने वाले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को नोटिस जारी किया है। 

बता दें कि आय से अधिक संपत्ति मामले में सजा के खिलाफ ओम प्रकाश चौटाला ने विशेष सीबीआइ अदालत के आदेश को चुनौती दी है और चार साल की जेल की सजा को निलंबित करने की भी मांग की है।

गौरतलब है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल कारावास की सजा सुनाई गई है।

राउज एवेन्यू कोर्ट ने 27 मई को 4 साल की सजा सुनाते हुए उन पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। दरअसल, ओम प्रकाश चौटाला पर साल 1993 से 2006 के बीच आय से अधिक संपत्ति जुटाने का दोष साबित हुआ थी, जिसके बाद इस मामले में चार साल की सजा सुनाई गई। वहीं, बचाव पत्र ने उनकी उम्र का भी हवाला दिया, लेकिन कोर्ट ने इस पहलू को नजरअंदाज किया। 

सजा सुनाने के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने कहा था कि सभी साक्ष्यों व दस्तावेज से स्पष्ट है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने अपनी पावर का इस्तेमाल कर 2,81,18,451 रुपये की संपत्ति आय से अधिक अर्जित की।

कोर्ट ने यह भी कहा था कि आय से अधिक  संपत्ति मामले में दोषी इसका साक्ष्य नहीं दे पाया और गवाहों व दस्तावेज से सीबीआइ साबित करने में सफल रही है कि उन्होंने गलत तरीके से संपत्ति अर्जित की है।

यह है पूरा मामला

सीबीआइ ने जांच रिपोर्ट के आधार पर दायर आरोप पत्र में कहा था कि ओम प्रकाश चौटाला 1993 और 2006 के बीच (आय के अपने वैध स्रोत से अधिक) की संपत्ति एकत्र करने के लिए जिम्मेदार हैं। मई 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 3.6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी।

यहां पर बता दें कि ओम प्रकाश चौटाला को जनवरी 2013 में जेबीटी घोटाले में भी दोषी ठहराया गया था। 2008 में ओम प्रकाश चौटाला और 53 अन्य पर 1999 से 2000 तक हरियाणा में 3,206 जूनियर बेसिक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आरोप लगाए गए थे।

इसके बपाद जनवरी 2013 में अदालत ने ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय सिंह चौटाला को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 10 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं, ओम प्रकाश चौटाला जेबीटी घोटाले में सजा पूरी कर जेल सेबाहर आ चुके हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.