मुजफ्फरपुर में समय से स्टाल किराया जमा नहीं करने पर ताला लगाएगा नगर निगम, जब्त होगा समान
स्टाल किराये में की गई वृद्धि का विरोध कर नगर निगम को भुगतान नहीं करने वाले किरायेदारों पर अब कार्रवाई होगी। नगर निगम ने उनको बकाया किराया भुगतान करने के लिए एक सप्ताह को अल्टीमेटम दिया है।
मुजफ्फरपुर। स्टाल किराये में की गई वृद्धि का विरोध कर नगर निगम को भुगतान नहीं करने वाले किरायेदारों पर अब कार्रवाई होगी। नगर निगम ने उनको बकाया किराया भुगतान करने के लिए एक सप्ताह को अल्टीमेटम दिया है। तय अवधि में किराया जमा नहीं करने वाले सभी किरायेदारों के स्टाल पर ताला लगा दिया जाएगा और उनके सामान को जब्त कर लिया जाएगा। शहर में नगर निगम के 1100 अस्थायी व स्थायी स्टाल शहर के विभिन्न हिस्सों में हैं।
नगर निगम द्वारा मार्च 2018 में स्थायी स्टाल का किराया सात से बढ़ाकर 14 रुपये एवं अस्थायी स्टाल का किराया पांच से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति वर्ग फीट कर दिया गया था। इसका कुछ स्टाल किरायेदारों ने विरोध करते हुए किराया देना बंद कर दिया था। कुछ लोग इसके खिलाफ उच्च न्यायालय की शरण में चले गए थे। हालांकि उच्च न्यायालय से उनको राहत नहीं मिली। अदालत ने मुजफ्फरपुर नगर निगम को ही किराया तय करने के निर्देश दिए। निगम अपने फैसले पर कायम रहा। उसके बाद आधे से अधिक किरायेदारों ने बढ़े दर पर किराया जमा करना शुरू कर दिया। लेकिन जिन लोगों ने किराया नहीं जमा किया उनके खिलाफ निगम ने कार्रवाई शुरु कर दी है। निगम के स्टाल प्रभारी उमेश कुमार ने बताया कि समय पर किराया जमा नहीं करने वालों के साथ-साथ बकाए किराये का भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। नोटिस भेजकर उनको एक सप्ताह का समय दिया गया है। इसके बाद उनकी दुकान को सील कर दिया जाएगा और सामान जब्त कर लिया जाएगा।
अधिकतर दुकानों का एग्रीमेंट हो चुका है समाप्त : दरअसल शहर के विभिन्न इलाकों में निगम द्वारा निर्मित दुकान का आवंटन 10 वर्ष के लिए करने का प्रावधान है। दुकान आवंटित होने पर बाकायदा एग्रीमेंट होता है। हालांकि ताजा आलम यह है कि 95 प्रतिशत से अधिक दुकानों के एग्रीमेंट की निर्धारित समय सीमा समाप्त हो चुकी है। आने वाले समय में इन मामले में भी निगम के स्तर से नए सिरे से आवंटन, एग्रीमेंट व अन्य कार्रवाई होगी। इतना ही नहीं कुछ स्टाल किरायेदारों ने अपनी स्टाल को या तो किराये पर दूसरों को दे दिया गया है या बेच दिया गया। इसके बदले बतौर किराया मनमानी राशि वसूल रहे है। निगम ने अब ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया है।