सड़कें न सफाई, बरसात में जलजमाव से जूझते मिर्जापुर के बाशिदे
विवार को जागरण की हालचाल टीम अकबरपुर नगर पालिका के वार्ड नंबर 17 मिर्जापुर में नागरिकों का दुख-दर्द जानने पहुंची तो यह सच्चाई सामने आई।
संसू, अंबेडकरनगर: कागजों में चमचमाते मुहल्ले हकीकत में गंदगी से घिरे हैं। स्थिति यह है कि घर से निकलते ही लोगों को दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है। यह सब नगरपालिका के सफाईकर्मियों की लापरवाही से हो रहा है। नागरिक चीख-चीख कर शिकायत करते रहे, लेकिन उनकी बातों को अब तक अनसुना किया जाता रहा। रविवार को जागरण की हालचाल टीम अकबरपुर नगर पालिका के वार्ड नंबर 17 मिर्जापुर में नागरिकों का दुख-दर्द जानने पहुंची तो यह सच्चाई सामने आई। यहां गड्ढों में तब्दील सड़कों के साथ मुहल्लों की गलियों में चारों तरफ बिखरा कूड़ा साफ-सफाई के दावे की पोल खोल रहा था। जलनिकासी के लिए पर्याप्त नाले और नालियां न होने से बारिश में लोगों को वर्षों से कीचड़ व गंदगी से जूझना पड़ रहा है। नागरिकों ने बताया कि सफाईकर्मी नियमित नहीं आते। अमृत योजना के तहत बिछाई गई पाइप लाइन की टोटियां सूखी हैं। इससे पानी निकलने की आस लोग महीनों से लगाए हैं, लेकिन यह पूरी होती नहीं दिख रही है। वार्ड की बदहाली बयां करती जागरण हालचाल टीम की रिपोर्ट।
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प्रमुख समस्याएं
-वार्ड के मुहल्लों में जल निकासी के लिए अभी भी नालियां नहीं बन सकीं, जलभराव हो रहा है।
-कूड़ादान न होने से घरों से निकलने वाला कचरा सड़क किनारे एकत्र होने से दिन-रात दुर्गंध उठती है।
- अमृत योजना के तहत बिछाई गई पाइपलाइन से शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है।
-प्रमुख मार्गों से लेकर गली-मुहल्लों की सड़कों पर कदम-दर कदम गड्ढे।
-रात-दिन जलती स्ट्रीट लाइटों से बिजली की बर्बादी हो रही, लो वोल्टेज से भी छुटकारा नहीं मिल रहा।
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तीन दिनों से बंद है सार्वजनिक शौचालय: सामुदायिक शौचालय पिछले तीन दिनों से बंद चल रहा है। लोगों की समस्याओं पर न तो स्थानीय सभासद, न ही निकाय प्रशासन ध्यान दे रहा है। सुबह-शाम लोगों को नित्य क्रिया के लिए खेतों की तरफ जाना पड़ रहा है। करीब सात हजार की आबादी वाले इस वार्ड में मिर्जापुर, रतनपुर, केवटाही, फतेहपुर, पकड़ी, इंद्रलोक आंशिक समेत आधा दर्जन मुहल्ले हैं। कोई भी ऐसा मुहल्ला नहीं है, जहां की सड़कों का सीना छलनी न हो। आबादी के बीच लगी स्ट्रीट लाइटें हों या चौराहे पर लगी हाई मास्ट, सभी दिन-रात जलती रहती हैं। मिर्जापुर से रतनपुर को जाने वाले मार्ग पर अनगिनत गड्ढों से लोग हिचकोले खाने को मजबूर हैं। बिजली के खंभे आबादी से दूर होने के नाते नागरिकों ने बल्ली के सहारे केबल खींचकर अपने घरों को रोशन किया है।
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अमृत योजना के तहत मुहल्ले में पानी की पाइपलाइन करीब दो वर्ष पूर्व डाली जा चुकी है, लेकिन कार्यदायी संस्था ने सड़क की मरम्मत आज तक नहीं कराई। ऐसे में बरसात में सड़क पर पानी भर जाता है।
आलोक पांडेय
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इतने बड़े वार्ड में केवल दो सफाईकर्मियों की तैनाती है। इससे नियमित सफाई नहीं हो पाती है। मजबूरी में नागरिकों को अपने आसपास खुद ही सफाई करनी पड़ती है। फागिग का कार्य भी साल में एक-दो बार ही होता है, ऐसे में मच्छर जनित रोगों की आशंका बढ़ने लगी है।
संतोष कुमार
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अमृत योजना से हर घर में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर पाइपलाइन तो बिछा दी गई, लेकिन पानी अभी नहीं पहुंच सका है। सामर्थ्यवान तो सबमर्सिबल के सहारे काम चला ले रहे हैं, लेकिन गरीबों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
सुरेंद्र पांडेय
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सामुदायिक शौचालय मिर्जापुर 30 जून से बंद चल रहा है। स्थानीय लोगों को जरूरी कार्य के लिए परेशान होना पड़ रहा है। मुहल्ले के कई खड़ंजों पर दशकों बाद भी इंटरलाकिग ईंट नहीं लग सकी है। बरसात होते ही चलना मुश्किल हो जाता है।
साऊ राजभर
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वार्ड में सबसे ज्यादा परेशानी जल निकासी की है। आधा दर्जन नाली के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद भी नाली नहीं बनवाई जा रही है। पांच साल में अध्यक्ष ने यहां के बाशिदों के लिए एक भी विकास कार्य नहीं कराया।
राजकुमारी, सभासद