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यमुनानगर में होती है बड़े पैमाने पर आम की खेती, देश-विदेश में मशहूर ये किस्‍में

यमुनानगर में इस बार आम की बंपर पैदावार हुई है। यहां पर 15 हजार एकड़ पर हो रहा उत्पादन। राज्यस्तरीय मैंगो मेले में रहती है यमुनानगर की पैठ। यहां के कई तरह की आम की किस्‍मों की देश विदेश में मांग रहती है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 09:02 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 09:02 AM (IST)
यमुनानगर में होती है बड़े पैमाने पर आम की खेती, देश-विदेश में मशहूर ये किस्‍में
हरियाणा के यमुनानगर में आम की पैदावार।

यमुनानगर, [संजीव कांबोज]। फ्रूटिंग के दौरान बारिश व तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद यमुनानगर का आम खास रहा है। बंपर पैदावार 32500 एमटी की उम्मीद जताई जा रही है। रकबे की यदि बात की जाए तो करीब 15 हजार एकड़ है जोकि प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में सर्वाधिक है।

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सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाली किस्में चौसा, दशहरी व लंगड़ा यहां की खास पहचान है। यही कारण है कि उद्यान विभाग की ओर से पिंजौर में आयोजित प्रदेश स्तरीय मैंगो मेले में यहां के आम की धाक रहती है। दो साल बाद आठ से 10 जुलाई तक आयोजित मैंगो मेले के लिए उत्पादक किसान तैयार हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक बेहतर उत्पादन व अच्छी किस्म के आम उत्पादक इसमें भाग लेंगे।

दाम अच्छे मिलने से बागवान खुश

बागवान ताहीर, गुलफाम व मंगत राम का कहना है कि भौर व फल आने के समय तीन बार भयंकर तूफान आए। तेज बारिश भी हुई। हालांकि इस दौरान उनको काफी धक्का लगा। लेकिन समय ने साथ दिया। बाद में इतना नुकसान नहीं हुआ। अच्छी पैदावार के साथ-साथ इस बार फसल स्वस्थ भी है। बाजार में दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। लोकल मंडियों के साथ- साथ दिल्ली व चंडीगढ़ में भी सप्लाई हो रही है। उन्होंने बताया कि वह गत आठ-10 वर्ष से बाग ठेके पर लेते हैं। इन दिनों सीजन पीक पर है। बारिश होने पर आम की मिठास भी बढ़ गई है और अधिक मात्रा में आम पक रहा है।

यहां तैयार होती बेहतर किस्में

चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार की ओर से बूडिय़ा में संचालित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र का 22 एकड़ में बाग है। इसमें दशहरी, रामकेला, आम्रपाली, मल्लिका व अन्य किस्में हैं। आम के साथ-साथ यहां लीची, लौकाट व नासपाती की फसल भी होती है। ज्यादा फोकस आम पर ही रहता है। इसके अलावा किसानों ने भी बड़े स्तर पर अपने बाग लगाए हुए हैं। छछरौली व खिजराबाद एरिया में आम के बागों की संख्या अधिक है। हालांकि आम के बाग अंबाला व पंचकूला में भी हैं, लेकिन यमुनानगर में रकबा अधिक है। अनुसंधान केंद्र में बेहतर किस्में तैयार कर किसानों तक पहुंचाई जा रही हैं। इस बार आम की खास किस्म पूसा, अरुनीमा, पूसा-सूर्य, पूसा श्रेष्ठा, पूसा पितांबर व पूसा लालिमा तैयार की है। यह रंगदार किस्में हैं। दो वर्ष के बाद फ्रूटिंग भी शुरू हो जाती है।

उद्यान विभाग कर रहा प्रोत्साहित

जिला उद्यान अधिकारी डा. कृष्ण कुमार के मुताबिक आम उत्पादन में यमुनानगर प्रदेश में एक नंबर पर है। किसानों में काफी रुझान देखा जा रहा है। बाग लगाने पर सरकार की ओर से विशेष अनुदान दिया जाता है। अाम के साथ-साथ अमरूद, नींबू, बेर, आड़ू, आलू बुखारा, खजूरख् नासपत्ती, ड्रेगन फ्रूट सहित अन्य फलों के बाग लगाने पर 32 हजार 500 से लेकर एक लाख 40 हजार रुपये तक अनुदान दिया जाता है। यदि कोई किसान धान के खेत को बाग में परिवर्तित करता है तो उसको सात हजार रुपये अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस बार आम की स्वस्थ व पैदावार बेहतर है।


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