मैडम! हमारी गुहार नहीं सुनी गई, पति ने दूसरी शादी कर ली
दूसरी बार जनसुनवाई में पेश हुई शिवानी रो-रोकर आयोग की सदस्य को सुनाई आपबीती। संबंधित पुलिस क्षेत्राधिकारी से कराई जाएगी जांच दोषी मिलने पर आरोपित पर होगी कार्रवाई।
सीतापुर : उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने बुधवार को सदर तहसील में जनसुनवाई की। इस दौरान दो महिलाएं उपस्थित हुईं। शिवानी ने उन्हें बताया कि वह पिछली जनसुनवाई में भी आईं थीं। लेकिन, उनकी गुहार नहीं सुनी गई और पति ने दूसरी शादी भी कर ली।
शिवानी ने बताया कि उसका विवाह आठ साल पहले काजीकमालपुर के व्यक्ति के साथ हुआ था। दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर उसके पति ने तीन साल पहले मारपीट कर उसे और उसके बेटे को घर से भगा दिया था। तीन साल से शहर के लोनियनपुरवा स्थित मायके में रहने को विवश है। आयोग की सदस्य को आपबीती सुनाते हुए शिवानी फफक रही थीं।
अरे. यह तो धूमधाम से विवाह कर रहा है ..
शिवानी ने पति की दूसरी शादी के फोटोग्राफ भी दिखाए, जिन्हें देखकर आयोग सदस्य सुनीता बंसल ने हैरत जताते हुए कहा कि अरे यह तो धूमधाम से विवाह करते दिख रहा है। उन्होंने कहा कि शिवानी के पति के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने के लिए यह फोटो ही सबसे ठोस दस्तावेज है। लेकिन, जांच जरूरी है। सीओ राजू कुमार साव ने कहा कि शिवानी प्रकरण की जांच सीओ महोली स्तर के अधिकारी से कराकर कार्रवाई करेंगे। वहीं, दुष्कर्म से जुड़ा एक मामला भी रामकोट थाने का आया। आयोग की सदस्य ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इससे पहले कमसंडा ब्लाक के मंगूपुर बंभेरा में सुनीता बंसल ने चौपाल में जनसुनवाई की।
पिछले सुनवाई की 11 अर्जियों में दो लंबित :
बुधवार से पहले 18 मई को भी उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने सदर तहसील सभागार में पीड़ित महिलाओं की जनसुनवाई की थी। दैनिक जागरण ने सुनीता बंसल से 18 मई की जनसुनवाई में आए प्रार्थना पत्रों के निराकरण की स्थिति जानी। उन्होंने एसआइ मधु यादव से जानकारी कर बताया कि 11 प्रकरण आए थे, जिसमें नौ मामले पुलिस से और दो प्रकरण जमीन विवाद से संबंधित थे। नौ शिकायतों की जांच रिपोर्ट मिल गई है। दो प्रकरण सदर तहसील में लंबित हैं। एसडीएम सदर अनिल कुमार ने दोनों मामलों में संबंधित राजस्व कर्मियों को तलब कर तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
हेल्पलाइन नंबर पर रिसीव नहीं हुई काल तो जताई नाराजगी :
महिला अस्पताल की शिकायत पेटिका पर लिखा हेल्पलाइन नंबर लोगों के लिए मददगार साबित हो नहीं पा रहा है। बुधवार को दोपहर करीब एक बजे अस्पताल के निरीक्षण पर पहुंचीं राज्य महिला आयोग सदस्य सुनीता बंसल ने सहयोगी से काल लगवाई तो रिसीव नहीं हुई। इस पर उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) के डा. सुषमा कर्णवाल से नाराजगी जताई। सीएमएस ने पहले तो अस्पताल के डाक्टर गोयल का नंबर बताया और बाद में नया नंबर लिखवाने की बात कही।
गलत नंबर के बारे में जागरण उठा चुका है सवाल :
महिला अस्पताल में सीएमएस कार्यालय, इमरजेंसी व अन्य स्थानों पर लगी शिकायत पेटिका पर लिखे गलत हेल्पलाइन नंबर के बारे में जागरण पहले ही खबर प्रकाशित कर चुका है। सीएमएस ने नंबर की जांच कराने की बात कही थी। कई दिन बाद भी उनकी जांच पूरी नहीं हुई। शिकायत पेटिका पर गलत नंबर ही लिखा रहा।
आयोग सदस्य को देखकर भागे मरीज :
सीएमएस और डाक्टर उस समय सकते में आ गए जब आयोग सदस्य को देख पर्चा काउंटर के पास खड़ीं महिला मरीज बाहर की ओर भागने लगीं। आयोग सदस्य भी उनके पीछे अस्पताल से बाहर निकल आईं। महिलाओं से पूछा कि अस्पताल प्रशासन ने तो बाहर जाने के लिए तो नहीं कहा था। मरीजों व तीमारदारों से भी बात की।
कम रहे मरीज :
सीएमएस ने बुधवार को दो बजे तक करीब तीन सौ मरीज देखे जाने का दावा किया है, जबकि निरीक्षण के समय ओपीडी में सिर्फ तीन महिलाएं ही थीं। यह आंकड़ा अन्य दिनों की अपेक्षा कम था।