काठगोदाम से नैनीताल तक हाईवे चौड़ीकरण के लिए कटेंगे 3684 हरे पेड़
काठगोदाम से नैनीताल तक हाईवे को चौड़ा करने के लिए भविष्य में बड़ी संख्या में हरे पेड़ों को काटा जा सकता है। पिछले दिनों वन विभाग और एनएच ने सर्वे किया था। रिपोर्ट में 3684 पेड़ों के प्रोजेक्ट के जद में आने की बात कही गई है।
गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : काठगोदाम से नैनीताल तक हाईवे को चौड़ा करने के लिए भविष्य में बड़ी संख्या में हरे पेड़ों को काटा जा सकता है। पिछले दिनों वन विभाग और एनएच ने चौड़ीकरण प्रोजेक्ट को लेकर पेड़ों का संयुक्त सर्वे किया था। रिपोर्ट में 3684 पेड़ों के प्रोजेक्ट के जद में आने की बात कही गई है। इसके अलावा वनभूमि का अधिग्रहण भी किया जाना है।
पर्यटन सीजन शुरू होने पर हर साल हल्द्वानी से लेकर नैनीताल तक सड़क जाम नजर आती है। काठगोदाम से नैनीताल तक स्थिति ज्यादा बिगड़ती है। जिस वजह से पूर्व में एनएच हल्द्वानी डिवीजन ने सड़क चौड़ीकरण प्रस्ताव को राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय से स्वीकृति दिलाई थी। काठगोदाम से नैनीताल तक 34 किमी सड़क को सात मीटर से 12 मीटर चौड़़ा किया जाना था।
इस काम के लिए करीब 50 हेक्टेयर वनभूमि की जरूरत भी है। लेकिन पूर्व में चयनित कंपनी बीच में ही सर्वे और डीपीआर तैयार करने का काम छोड़ गई। जिसके बाद नई कंपनी को जिम्मेदारी मिली। हाल में एनएच ने पेड़ों के कटान को लेकर वन विभाग संग मिलकर सर्वे किया था। जिसके बाद पता चला कि कुल 3684 पेड़ों को काटने की जरूरत पड़ेगी।
हाईवे को लेकर अब तक की कवायद
2017 में जयपुर की कंपनी को सर्वे कर डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी मिली।
2019 में कंपनी ने काम छोड़ दिया। जिसके बाद टेंडर को निरस्त किया गया।
नया टेंडर कर जुलाई 2021 में गुरुग्राम की एक कंपनी को सर्वे का जिम्मा मिला।
इस साल जून में एनएच व वन विभाग ने पेड़ों की संख्या को लेकर संयुक्त सर्वे किया।
नैनीताल डिवीजन के हिस्से में 3594 पेड़
काठगोदाम से नैनीताल तक का अधिकांश हिस्सा नैनीताल डिवीजन में आता है। गुलाबघाटी के पास तक रामनगर डिवीजन की फतेहपुर रेंज लगती है। नैनीताल डिवीजन के 3594 और फतेहपुर रेंज के 90 पेड़ सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे हैं।
अंतिम बार हल्द्वानी में कटे थे बड़ी संख्या में पेड़
वनभूमि से बड़ी संख्या में पेड़ काटने का अंतिम मामला हल्द्वानी से जुड़ा था। साल 2015 में गौलापार में आइएसबीटी के लिए 2625 हरे पेड़ों का कटान किया गया। आइएसबीटी का काम शुरू भी हुआ। लेकिन 2017 में सरकार बदलते ही निर्माण बंद कर दिया। दावा नई जमीन की तलाश का था। लेकिन छह साल बाद भी प्रोजेक्ट का कुछ पता नहीं। डीएफओ नैनीताल टीआर बीजूलाल ने बताया कि अधिकांश हिस्सा नैनीताल डिवीजन का है। कुछ हिस्सा रामनगर डिवीजन से जुड़ा है। नैनीताल वन प्रभाग के 3594 पेड़ जद में आएंगे। एनएच ने इनकी मार्किंग भी है।