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Presidential Election: हेमंत सोरेन की भतीजी ने की अपील... द्रौपदी मुर्मू को वोट दें झामुमो विधायक... सुनिए, जयश्री सोरेन का तर्क

Presidential Election राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू सोमवार को रांची आ रही हैं। वह झामुमो अध्यक्ष से भी मिलेंगी। इस बीच हेमंत सोरेन की भतीजी ने सोशल मीडिया पर टवीट कर झामुमो विधायकाें से द्रौपदी मुर्मू को वोट देने की अपील की है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 10:57 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 10:59 PM (IST)
Presidential Election: हेमंत सोरेन की भतीजी ने की अपील... द्रौपदी मुर्मू को वोट दें झामुमो विधायक... सुनिए, जयश्री सोरेन का तर्क
Presidential Election: हेमंत सोरेन की भतीजी की अपील... द्रौपदी मुर्मू को वोट दें झामुमो विधायक

रांची, डिजिटल डेस्क। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भतीजी जयश्री सोरेन ने कहा है कि द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद के लिए पहली महिला आदिवासी प्रत्याशी हैं। जनजातीय समाज की महिला प्रत्याशी देश की प्रथम नागरिक बने, इसके लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के सभी विधायकों और सांसदों को उनको वोट करना चाहिए। जयश्री सोरेन दुर्गा सोरेन सेना की चेयरपर्सन हैं। सोरेन परिवार की वह पहली शख्स हैं जिन्होंने खुलकर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट देने की अपील की है। जयश्री सोरेन की मां सीता सोरेन खुद झामुमो की विधायक हैं। जयश्री सोरेन का यह बयान द्रौपदी मुर्मू के झारखंड आने से एक दिन पहले आया है। मालूम हो कि सोमवार को द्रौपदी मुर्मू अपने पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए झारखंड आ रही हैं। वह एनडीए विधायकों से मिलने के अलावा झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और अध्यक्ष शिबू सोरेन से भी मुलाकात करेंगी। उनसे अपने लिए समर्थन की मांग करेंगी।

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अभी तक झामुमो खुलकर नहीं आया सामने

झामुमो की पिछले दिनों बैठक हुई थी। लेकिन उस बैठक में यह तय नहीं हो पाया कि पार्टी किसे वोट देगी। अंदरखाने से यह बात छनकर आई कि कई झामुमो विधायक द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में हैं। वह नहीं चाहते कि विपक्षी दलों के साझा प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के पक्ष में मतदान कर अपने लिए मुसीबत मोल लें। चूंकि झामुमो की राजनीति आदिवासी केंद्रित है, ऐसे में उसके लिए आदिवासी फर्स्ट है। चूंकि द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा भाजपा ने बाद में की, इसलिए झामुमो उलझन में पड़ गया है। उलझन इस बात की है कि जब यशवंत सिन्हा का नाम तय हो रहा था तो उस बैठक में खुद झामुमो भी शामिल था। जैसे ही भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा की, झामुमो मोदी के मास्टरस्ट्रोक में उलझ गया।

इसलिए द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में जाने का संकेत

झामुमो की ओर से भले ही अभी तक द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोटिंग की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन जिस तरह से पार्टी नेतृत्व ने यशवंत सिन्हा के नामांकन से दूरी बनाई, उससे जाहिर हो रहा है कि वह द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में ही वोटिंग करेगा। वैसे चुनाव से चंद रोज पहले हेमंत सोरेन इस बात की विधिवत घोषणा करेंग कि पार्टी किसके साथ खड़ी है। बहरहाल, ऐसे राजनीतिक माहौल के बीच पहली बार उनकी भतीजी का बयान राजनीतिक संकेत दे रहा है।

झामुमाे और कांग्रेस में बढ़ सकती है दरार

उल्लेखनीय है कि झारखंड में झामुमो के पास 30 विधायकों और एक सांसद का वोट है। वहीं, कांग्रेस के पास कुल 18 विधायकों का वोट है। दोनों दलों ने मिलकर यहां चुनाव लड़ा है। मिलकर सरकार भी चला रहे हैं। ऐसे में यदि झामुमो कांग्रेस को नाराज कर भाजपा प्रत्याशी को वोट देता है तो दोनों के बीच राजनीतिक दरार बढ़ने की संभावना है। इसका फायदा भाजपा उठा सकती है। हालांकि, कांग्रेस खेमे में भी कुछ विधायक द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में ही वोट करना चाहते हैं। दरअसल, इन विधायकों को भी आदिवासी वोटरों की चिंता सता रही है। एक-दो विधायक ही ऐसे हैं, जो गैर आदिवासी वोटरों के सहारे जीतकर विधानसभा में आए हैं। संभव है कहीं झारखंड कांग्रेस में भी इस सवाल पर बिखराव नहीं हो जाए।

जयश्री सोरेन ने देखिए यह टवीट किया है


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