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शेल कंपनी में निवेश मामला: सरकार ने कहा- प्रार्थी ने कोर्ट में दी गलत जानकारी; शेल कंपनी व लीज मामले में आज नहीं होगी सुनवाई

Jharkhand News बसंत सोरेन के करीबियों के शेल कंपनी में निवेश करने के मामले में झारखंड सरकार की ओर से हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल करते हुए कहा गया कि प्रार्थी ने कोर्ट में गलत जानकारी दी है। शेल कंपनी व लीज मामले में आज सुनवाई नहीं होगी।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 10:46 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 10:48 AM (IST)
शेल कंपनी में निवेश मामला: सरकार ने कहा- प्रार्थी ने कोर्ट में दी गलत जानकारी;  शेल कंपनी व लीज मामले में आज नहीं होगी सुनवाई
Jharkhand News: शेल कंपनी व लीज मामले में आज नहीं होगी सुनवाई।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन के करीबियों के शेल कंपनी में निवेश करने के मामले में झारखंड सरकार की ओर से हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की गई है। सरकार की ओर से उक्त याचिका सीआरपीसी की धारा 340 के तहत दाखिल किया है। सोमवार को कैबिनेट( निगरानी) विभाग के अधिकारी चंद्रभूषण प्रसाद ने हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर प्रार्थी शिवशंकर शर्मा पर अदालत को गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है।

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सोहराई लाइव स्टाक प्राइवेट लिमिटेड को लेकर दी गई है गलत जानकारी

याचिका में कहा गया है कि प्रार्थी ने सीएम की पत्नी और दूसरे रिश्तेदारों के स्वामित्व वाली कंपनी सोहराई लाइव स्टाक प्राइवेट लिमिटेड को लेकर गलत जानकारी दी है। राज्य के उद्योग विभाग ने कंपनी को औद्योगिक उद्देश्यों के लिए 11 एकड़ जमीन आवंटित की थी। बाद में इसकी लीज रद कर दी गई। प्रार्थी ने कंपनी की पूंजी और जमीन आवंटन पर गलत शपथपत्र दाखिल किया है।

सरकार की छवि खराब करने के इरादे से गलत जानकारी देते हुए शपथ पत्र दाखिल

सरकार ने याचिका में कहा है कि याचिकाकर्ता ने बिना किसी आधार और दस्तावेज के ही आरोप लगाया है कि कंपनी द्वारा झूठे दस्तावेज जमा करने के बावजूद चतरा में आइटीआइ प्रतापपुर के निर्माण के लिए नीलम कंस्ट्रक्शन को टेंडर दिया गया था। सरकार ने दावा किया कि कंपनी को टेंडर मिल गया था, लेकिन बाद में टेंडर कमेटी ने इसे रद कर दिया, क्योंकि कंपनी के अनुभव को सत्यापित नहीं किया गया था। सरकार का कहना है कि प्रार्थी ने सरकार की छवि खराब करने के इरादे से गलत जानकारी देते हुए हाई कोर्ट में सात पूरक शपथ पत्र दाखिल किया है।

सीआरपीसी 340 क्या है

उक्त धारा के तहत तब याचिका दाखिल की जाती है, जब किसी के द्वारा कोर्ट में गलत जानकारी दी जाती है। इसके तहत यदि कोर्ट को ऐसा प्रतीत होता है कि कोर्ट में गलत जानकारी दी गई है, तो इसकी जांच मजिस्ट्रेट से कराई जा सकती है। साथ ही ऐसा करने के लिए गलत जानकारी देने वाले के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई किए जाने की मांग की जाती है।

शेल कंपनी व लीज मामले में आज नहीं होगी सुनवाई

सीएम हेमंत सोरेन को लीज आवंटन और शेल कंपनियों में निवेश के मामले मंगलवार को सुनवाई निर्धारित थी। लेकिन इस मामले की सुनवाई करने वाली चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ पांच जुलाई को नहीं बैठेगी। इस संबंध में हाई कोर्ट की ओर से नोटिस जारी कर दिया गया है।


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