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रांझा-महिवाल या मजनू नहीं बल्कि प्रेमिका के लिए बीबीए छात्र बना इनामी गैंगस्टर, सिरफिरे आशिक की अजब कहानी

मूलरूप से कुशीनगर का रहने वाला छात्र कानपुर आउटर के एक इंजीनियरिंग कालेज से बीबीए की पढ़ाई कर रहा था और इस बीच एक युवती के प्यार में आकर वह जरायम की दुनिया में कूद गया। उसपर कानपुर और गोरखपुर के थानों में मुकदमे दर्ज हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 07 Jul 2022 01:56 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jul 2022 01:56 PM (IST)
रांझा-महिवाल या मजनू नहीं बल्कि प्रेमिका के लिए बीबीए छात्र बना इनामी गैंगस्टर, सिरफिरे आशिक की अजब कहानी
प्रेमिका के लिए जरायम की दुनिया में कूदा बीबीए छात्र।

कानपुर, जागरण संवाददाता। पुलिस ने एक साल से फरार इनामी गैंगस्टर अपराधी को गिरफ्तार किया तो उसकी सिरफिरी आशिकी की कहानी ने सभी को चौंका दिया। प्यार के लिए कोई महिवाल बना तो कोई मजनू तो कोई अपनी हीर को पाने के लिए रांझा तक बना लेकिन ये सिरफिरा आशिक अपनी प्रेमिका के लिए गैंगस्टर बन गया। उसके खिलाफ कानपुर के महाराजपुर और गोरखपुर में कई मुकदमे दर्ज हैं और पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज होने के साथ ही उसपर ढाई हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। 

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कुशीनगर निवासी आशीष उर्फ स्वप्निल बैचलर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) की पढ़ाई करते करते गैंगस्टर बन गया। कुछ वर्षों में उसके खिलाफ गोरखपुर और महाराजपुर थाने में चोरी के पांच मुकदमे दर्ज हो गए। इसके आधार पर महाराजपुर पुलिस ने उसके खिलाफ गैंगस्टर की भी कार्रवाई कर ढाई हजार का इनाम घोषित कर दिया। करीब एक साल से उसकी तलाश कर रही कानपुर पुलिस ने बुधवार को उसे रामादेवी चौराहे के पास से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।

पुलिस के अनुसार मूलरूप से कुशीनगर में कप्तानगंज के भलूही बोदरबाग निवासी आशीष कानपुर के चकेरी में किराये के कमरे में रहकर इंजीनियरिंग कालेज से बीबीए की पढ़ाई कर रहा था। पढ़ाई के दौरान उसके संपर्क में एक युवती आ गई और उससे मित्रता होने के बाद प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। प्रेमिका उससे महंगे उपहार की डिमांड करने लगी और लगातार गिफ्ट देता रहा। प्यार की पींगे आगे बढ़ती गईं और जब उपहार खरीदने के लिए रुपये खत्म हुए तो वह उसने जरायम का रास्ता अपना लिया। उसने चोरी करना शुरू कर दिया और चोरी का माल बेचकर आने वाली रकम से वह प्रेमिका के महंगे शौक पूरे करता रहा।

महाराजपुर थाना प्रभारी सतीश राठौर ने बताया, वर्ष 2018 में उसके खिलाफ महाराजपुर थाने में चोरी का मुकदमा दर्ज हुआ था। उसके बाद से लेकर अब तक महाराजपुर में चोरी के तीन और गोरखपुर में एक मुकदमा दर्ज हुआ। उसके बाद 2021 में उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। तब से वह फरार था।


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