लोकसभा चुनाव के लिए सिब्बल ने दी आशुतोष को शुभकामनाएं
केजरीवाल सरकार के इस्तीफे से गरमाए सियासी माहौल में लोकसभा चुनाव की गहमागहमी भी बढ़ गई है। आम आदमी पार्टी ने अप्रैल-मई में संभावित आम चुनाव के लिए राजधानी की दो सीटों के लिए दो चर्चित चेहरों को चुनाव मैदान में उतारकर सियासी मुकाबले को दिलचस्प बनाने की पहल कर दी है। केंद्रीय विधि व संच
नई दिल्ली, अजय पांडेय। केजरीवाल सरकार के इस्तीफे से गरमाए सियासी माहौल में लोकसभा चुनाव की गहमागहमी भी बढ़ गई है। आम आदमी पार्टी ने अप्रैल-मई में संभावित आम चुनाव के लिए राजधानी की दो सीटों के लिए दो चर्चित चेहरों को चुनाव मैदान में उतारकर सियासी मुकाबले को दिलचस्प बनाने की पहल कर दी है।
केंद्रीय विधि व संचार मंत्री कपिल सिब्बल के चुनाव क्षेत्र चांदनी चौक से आशुतोष आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार होंगे। इसके लिए सिब्बल ने आशुतोष को शुभकामनाएं दी हैं।
पश्चिम दिल्ली सीट पर पार्टी ने सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले तथा 84 के सिख विरोधी दंगों को लेकर लगातार काम करने वाले जरनैल सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। इन दोनों उम्मीदवारों के नाम की घोषणा रविवार को की गई।
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चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में वैश्य समुदाय के करीब 16 फीसद मतदाता हैं जबकि मुस्लिम व पंजाबी समुदाय से आने वाले मतदाताओं का आंकड़ा लगभग बराबर 13-13 फीसद है। दलित समाज के मतदाताओं का आंकड़ा 16 प्रतिशत है और अन्य पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले मतदाता करीब 18 फीसद हैं। पिछले दो चुनावों से केंद्रीय मंत्री सिब्बल यहां से लगातार अपनी जीत दर्ज करते आए हैं। इस बार भी उन्हें यहां से कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया जाना तय है। भाजपा ने पिछले चुनाव में यहां से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को चुनाव मैदान में उतारा था। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि पार्टी इस बार भी गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाएगी अथवा नहीं। आशुतोष को यहां से आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद इस क्षेत्र में जोरदार त्रिकोणात्मक मुकाबले की पृष्ठभूमि तैयार हो गई है।
84 के सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा विशेष जांच दल गठित किए जाने के मद्देनजर आम आदमी पार्टी द्वारा जरनैल सिंह को पश्चिम दिल्ली से उम्मीदवार बनाया जाना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कांग्रेस के महाबल मिश्रा इस क्षेत्र से सांसद हैं। इस संसदीय क्षेत्र में सिख मतदाताओं का आंकड़ा 10 फीसद के करीब है जबकि पंजाबी समुदाय के लगभग 13 फीसद मतदाता हैं। इस इलाके में पूर्वाचल से ताल्लुक रखने वाले मतदाता भी अच्छी खासी संख्या में हैं। महाबल मिश्रा अपनी पुरबिया पृष्ठभूमि के बलबूते ही इस क्षेत्र में अपना सियासी सिक्का जमा पाए। यह दीगर बात है कि पिछले संसदीय चुनाव में उन्हें अन्य मतदाताओं के अलावा सिख मतदाताओं का भी भरपूर सहयोग मिला।