श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्मतिथि पर हाई कोर्ट ने दी भाजपा को जुलूस निकालने की अनुमति
पुलिस द्वारा आनाकानी के बाद भाजपा ने किया था हाईकोर्ट का रूख। शर्तों के साथ अदालत ने दी जुलूस व सभा करने की अनुमति। किसी भी तरह से वाहनों की आवाजाही बाधित नहीं की जा सकती है। जहां सभा होगी वहां घेरा बनाना होगा ताकि कोई असुविधा न हो।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : जनसंघ के संस्थापक डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आगामी छह जुलाई को जन्मतिथि पर जुलूस निकालने की कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को भाजपा को सशर्त अनुमति दे दी। भाजपा का आरोप है कि इससे पहले पुलिस मुखर्जी की जन्मतिथि पर सभा या जुलूस निकालने की अनुमति देने में आनाकानी कर रही थी। इसके बाद भाजपा नेता अंकित देव ने इसको लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और जुलूस व सभा की अनुमति देने की गुहार लगाई थी।
किसी भी तरह से वाहनों की आवाजाही बाधित नहीं की जा सकती है
हाई कोर्ट की न्यायाधीश मौसमी भट्टाचार्य ने याचिका पर सुनवाई के बाद सशर्त सभा व जुलूस की इजाजत दे दी। इस बाबत अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया है। हालांकि अदालत ने भाजपा के कार्यक्रम पर कुछ शर्तें लगाई हैं। अदालत ने कहा है कि छह जुलाई को भाजपा जुलूस निकाल सकती है, लेकिन उसके लिए किसी भी तरह से वाहनों की आवाजाही बाधित नहीं की जा सकती है।
नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी समेत प्रदेश भाजपा के प्रमुख नेता हिस्सा लेंगे
जहां सभा होगी, वहां अच्छी तरह से घेरा बनाना होगा, ताकि लोगों को कोई असुविधा न हो। इधर, अदालत से मंजूरी मिलने के बाद भाजपा ने मुखर्जी की जन्मतिथि मनाने की तैयारी तेज कर दी है। पार्टी नेताओं के अनुसार, छह जुलाई को दोपहर तीन बजे से दक्षिण कोलकाता के गोल पार्क से जुलूस निकाल जाएगा। यह जुलूस गरियाहाट होते रासबिहारी क्रासिंग होकर हाजरा मोड़ पर समाप्त होगा। इसके बाद सभा होगी। इस जुलूस व सभा में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी समेत प्रदेश भाजपा के प्रमुख नेता हिस्सा लेंगे।
पुलिस से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा
पुलिस कर रही थी आनाकानी-भाजपा नेताओं के अनुसार, मुखर्जी की जन्मतिथि पर जुलूस निकालने और सभा की अनुमति के लिए 27 जून को ही भवानीपुर, कालीघाट, गरियाहाट और रवींद्र सरोवर थाने में ई-मेल के माध्यम से पत्र भेजकर अनुमति मांगी गई थी। लेकिन आरोप है कि कोलकाता पुलिस इसपर चुप्पी साध रखी थी। भाजपा नेता ने दावा किया कि पुलिस की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा, क्योंकि कार्यक्रम की तैयारी के लिए समय बहुत कम बचा था।