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Health Department: तबादलों ने घटा दिए डाक्टर, प्रयागराज के सरकारी अस्पतालों में कैसे हो उपचार

स्वास्थ्य विभाग में तबादलों से अस्पतालों की जैसे सेहत ही बिगड़ गई है। मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय यानी काल्विन अस्पताल और टीबी सप्रू चिकित्सालय बेली अस्पताल में डाक्टर पहले ही कम थे अब और भी कम हो गए हैं। इससे उपचार में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 09:11 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 09:11 AM (IST)
Health Department: तबादलों ने घटा दिए डाक्टर, प्रयागराज के सरकारी अस्पतालों में कैसे हो उपचार
स्वास्थ्य विभाग में तबादलों से अस्पतालों की जैसे सेहत ही बिगड़ गई है, एसआरएन अस्पताल का हाल

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। स्वास्थ्य विभाग में तबादलों से अस्पतालों की जैसे सेहत ही बिगड़ गई है। मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय यानी काल्विन अस्पताल और टीबी सप्रू चिकित्सालय बेली अस्पताल में डाक्टर पहले ही कम थे अब और भी कम हो गए हैं। इससे उपचार में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उदाहरण काल्विन अस्पताल का दंत रोग विभाग है। जिसमें दो डाक्टर और एक हाइजेनिक सहायक थे। इनका तबादला हो गया लेकिन बदले में कोई नहीं मिला। सोमवार से अस्पताल प्रशासन उलझन में है कि प्रबंधन कैसे करें।

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और काल्विन में 42 में केवल 19 डाक्टर थे, उनमें भी पांच का तबादला

काल्विन अस्पताल में पिछले सप्ताह तक 19 डाक्टरों से ड्यूटी किसी तरह कराई जा रही थी, जबकि यहां कुल सृजित पद 42 हैं। रिक्त पदों की भरपाई के लिए महानिदेशालय से डाक्टर मांगे जा रहे थे। तबादले हुए तो यहां से पांच डाक्टरों को दूसरे जिले भेजा गया। पशोपेश यह है कि जल्द ही डाक्टर न मिले तो दांत के रोगियों का उपचार कैसे होगा। उन्हें रेफर करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचेगा। इसमें सर्जन केवल एक हैं। इससे घायलावस्था में लोगों के आपरेशन भी नहीं हो पाते हैं।

बेली अस्पताल में तीन पद हैं सर्जन के रिक्त

कुछ यही हाल बेली अस्पताल का है। इसमें सर्जन के तीन पद रिक्त हैं। यहां से चार डाक्टरों के तबादले हुए, बदले में अभी तक सिर्फ दो ही मिले हैं।

मुश्किलें तो हैं लेकिन जैसे-तैसे किया जाएगा इलाज

काल्विन अस्पताल की प्रमुख चिकित्साधीक्षक डा. इंदु कनौजिया ने कहा कि डाक्टर कम हुए, कार्यालय स्टाफ भी काफी चले गए। सामने मुश्किलें हैं लेकिन किसी तरह से निभाया जाएगा।


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