Move to Jagran APP

Lucknow News: वन विभाग लखनऊ में लगाएगा कैथा और करौंदा के पौधे, संरक्षित होंगी पेड़ों की 42 विलुप्त प्रजातियां

विलुप्त होती जा रही 42 प्रजातियाें के पेड़ों की सूची तैयार की गई है जिसे संरक्षित करने की मुहिम वन विभाग ने शुरू की है। विलुप्त श्रेणी के इन पेड़ों को लखनऊ में लगाया जाएगा जिन्हें जुलाई में रोपने की तैयारी है। सबसे अधिक पौधे कुकरैल वन में लगाए जाएंगे।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 08:01 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 07:05 AM (IST)
Lucknow News: वन विभाग लखनऊ में लगाएगा कैथा और करौंदा के पौधे, संरक्षित होंगी पेड़ों की 42 विलुप्त प्रजातियां
वन विभाग लखनऊ में लगाएगा कैथा और करौंदा के पौधे.

लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। कभी घर के पास ही कैथा के पेड़ होते थे, हर कोई चटकारे के साथ उसे खाता था। नमक लगाने से उसका स्वाद ही बदल जाता था। चटनी भी बनती थी। आते-जाते लोग करौंदा तोड़ लाते थे तो ताड़ के पेड़ भी हर तरफ दिख जाते थे और ताड़ी बिकने वाले इलाके का नाम ताड़ीखाना पड़ जाता था। आंधी आने के साथ ही हम सभी के आंगन में चिलबिल नजर आ जाती थी, जिसका दाना भी चिरौंजी की तरह होता था।

loksabha election banner

समय के साथ यह प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं। ऐसे ही 42 पेड़ों क प्रजाति की सूची तैयार की गई है, जिसे संरक्षित करने की मुहिम वन विभाग ने शुरू की है। विलुप्त श्रेणी के इन पेड़ों को लखनऊ में लगाया जाएगा, जिन्हें जुलाई में रोपने की तैयारी है। सबसे अधिक पौधे कुकरैल वन क्षेत्र में लगाए जाएंगे, जहां की मिट्टी इन प्रजातियों के लिए अनुकुल पाई गई है।

जबकि ताड़ के पेड़ उन जगहों पर लगाए जाएंगे, जहां पानी पर्याप्त मात्रा में रहता है। विकास के चलते इन प्रजाति के पेड़ों पर आरी चलती गई, जबकि खुली जगहों पर इन प्रजातियों के पेड़ों की भरमार होती थी। इसी में अमरख भी है, जो अब कुछ जगहों पर ही दिखाई देता है।

विलुप्त हो रहे इन पौधों को लगाया जाएगा : खस, हडज़ोड़, मालती, बरना, काला शीशम विशाल बांस, मेंहदी, लाजवंती, वज्रदंती, बोगन बेलिया, अजूबा, पपीता, फिशटेल पाम, सदाबहार, सफेद सेमल, बरगद, चम्पा, सम्भालू, औरी, बबूल, पारिजात, वच, घृतकुमारी, छितवन, कटहल, मोरपंखी, चित्रक, बम्बू पाम, रगटूरा।

'पेड़ों की करीब 240 प्रजातियां विलुप्त हो रही श्रेणी में रखी गई है। इसमे से 42 प्रजातियों को संरक्षित करने की योजना है। शहर में जगह-जगह कुल 40 हजार पौधे इन प्रजातियों के लगाए जाने हैं। इसी वन महोत्सव में पौधों को रोपने का कार्यक्रम बना है, सबसे अधिक पौधे कुकरैल वन क्षेत्र में लगाए जाने हैं। - डा. रवि कुमार सिंह,

डीएफओ, लखनऊ अवध क्षेत्र


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.