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यहां प्लास्टिक की बोतल में पालीथिन भरकर लाएं और ले जाएं पौधा

- सिगल यूज प्लास्टिक के विकल्प तलाशने नगर निगम कर रहा बेहतर पहल - अभी तक नगर निगम में जमा हो चुकी हैं करीब पांच हजार ईको फ्रेंडली ईंट

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2022 09:22 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2022 09:22 PM (IST)
यहां प्लास्टिक की बोतल में पालीथिन भरकर लाएं और ले जाएं पौधा
यहां प्लास्टिक की बोतल में पालीथिन भरकर लाएं और ले जाएं पौधा

जागरण संवाददाता, रोहतक:

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सिगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग चुका है। लेकिन नगर निगम पहले से ही लोगों को जागरूक करने के लिए बेहतर कार्य कर रहा है। यहां प्लास्टिक की बोतलों में पालीथिन भरकर ईंट यानी ईको फ्रेंडली ईंट बनाने वालों को निगम सम्मान बतौर एक-एक पौधा उपलब्ध कराता है। निगम की स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ी टीम को अभी तक करीब पांच हजार ईको फ्रेंडली ईंट मिल चुकी हैं।

नगर निगम के स्वच्छ भारत मिशन के सलाहकार अरविद भाटिया ने बताया कि प्लास्टिक की बोतलों को लोग फेंके नहीं। बोतलों में खाद्य पदाथों वाले पैकिग के रैपर, पालीथिन आदि भर दें। इस बोतल को इतना ठोस बनाया जाता है कि वह वजन सह सकें। इस बोतल की बेंच व दीवार आदि बनाने में उपयोग कर सकते हैं। मानसरोवर पार्क के निकट नगर निगम कार्यालय में बेंच बनाई जा रही है। अभियान का असर यह हुआ कि करीब 500 परिवार इस तरह की गतिविधियों से जुड़ चुके हैं। इन परिवारों के घरों के किचन से बचे हुए खाद्य पदार्थ यानी हरे कूड़े से कचरा बनाने का कार्य होता है। अभियान से 100 से अधिक स्कूल जोड़े:

संयोजक अरविद भाटिया ने बताया कि हमारा उद्देश्य शहर को साफ-सुथरा बनाने के साथ ही पर्यावरण का संरक्षण भी करना है। प्रतिदिन लोगों को जागरूक किया जाता है। लोगों को समझाने के लिए यह भी कोशिश होती है कि वह सिगल यूज प्लास्टिक का विकल्प तलाशें। इसके लिए जरूरी है कि व्यक्ति खुद की लाइफ स्टाइल बदलें। जैसे लोगों को समझाया जाता है कि वह अपनी कार, स्कूटी, बाइक की डिग्गी में एक-दो कपड़े के थैले जरूर रखें। सामान उन्हीं में लाएं तो प्लास्टिक का उपयोग कम होगा। जब यह आदत प्रत्येक व्यक्ति को होगी तो खुद ही प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग कम हो जाएगा। इन्होंने यह भी बताया कि सिगल यूज प्लास्टिक के विकल्पों को तलाशने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।


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