सीएम के दौरे के बाद भी काम में नहीं आई तेजी, बरसात शुरू अभी तक 20 प्रतिशत ही हुआ काम
साल दर साल गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अमृत सरोवर योजना शुरू की। जलस्तर सुधारने के लिए सरोवर योजना को अधिकारियों की सुस्ती ग्रहण लगा रही है। 16 मई को नया गांव में तालाब के सुंदरीकरण के काम का सीएम मनोहर लाल निरीक्षण कर चुके हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
साल दर साल गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अमृत सरोवर योजना शुरू की। जलस्तर सुधारने के लिए सरोवर योजना को अधिकारियों की सुस्ती ग्रहण लगा रही है। 16 मई को नया गांव में तालाब के सुंदरीकरण के काम का सीएम मनोहर लाल निरीक्षण कर चुके हैं। अधिकारियों को काम में तेजी लाते हुए एक माह में निर्माण कार्य पूरा करने के आदेश दिए थे। उसके बाद भी काम में तेजी नहीं आई। रूक रूक कर कार्य होता रहा। अभी तक मात्र 20 प्रतिशत काम पूरा हुआ है। अब बरसाती मौसम शुरू हो गया। जलभराव के कारण काम करना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि बजट की कमी की भी चर्चा हो रही है, लेकिन अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। एक मई को शुरू हुआ काम :
केंद्र सरकार ने 22 अप्रैल को अमृत सरोवर योजना की घोषणा की। एक मई को सीएम ने सोनीपत से योजना की प्रदेश में शुरूआत की। पहले चरण में जिले की चारों विधानसभाओं में एक एक तालाब को योजना के तहत चुना गया। संबंधित विधायक ने इनका शुभारंभ किया गया। बता दें कि बाक्करवाला, बकाना, मिल्कड़ा व नया गांव के तालाबों को चुना। यमुनानगर विधानसभा के नया गांव की आबादी 12 सौ है। एक एकड़ से अधिक के तालाब का सुंदरीकरण पर करीब 90 लाख रुपये में होना है। अभी तक अधिकारी योजना के लिए जिले के 76 तालाबों की सूची बना चुके हैं। ओवरफ्लो होने पर आ गए थे सिचाई विभाग से नोटिस :
नया गांव का तालाब हर साल ओवरफ्लो होता है। फसलों व सरकारी स्कूल में पानी घुस जाता है। इतना ही नहीं दूषित पानी पश्चिमी यमुना नहर में पहुंचा जाता है। जिस कारण सिचाई विभाग से पंचायत को नोटिस आते हैं। अब इस योजना से जलस्तर में सुधार के अलावा नोटिस के झंझट से भी मुक्ति मिल जाएगी। ये भी होगा लाभ :
तालाब के चारों ओर हरियाली को बढ़ावा देते हुए पौधे लगाए जाएंगे। इसके चारों ओर सैर करने के लिए ट्रैक बनाए जाएंगे। जहां सुबह-शाम ग्रामीण सैर, सपाटे का आनंद ले सकेंगे। जलीय जीव जन्तुओं और पशुओं को आसानी से पानी उपलब्ध होगा। तालाब के सुंदरीकरण से न केवल बदहाल तालाब की हालत सुधरेगी, बल्कि पानी की निकासी में आने वाली समस्या से भी छुटकारा मिलेगा। तालाब के चारों ओर फलदार पौधे लगाने की भी योजना बनाई जा रही है। मछली पालन से भी पंचायत की आमदनी बढ़ सकती है। नया गांव में फाइव पौंड सिस्टम लगाया जाना है। जिसमें वेट लैंड टेक्नालाजी का प्रयोग होगा। इसके तहत तालाब को खाली कर इसकी खोदाई हो रही है। बरसात का पानी भी इसमें स्टोर किया जाएग। तालाब में जाने के लिए घाट भी बनाने की योजना है।
बरसाती सीजन में आएगी दिक्कत :
वहीं निर्वतमान सरपंच पिरथी सिंह का कहना है कि इस योजना से निश्चित तौर पर फायदा होगा। उनका यह भी कहना है कि तालाब ओवरफ्लों होकर बरसाती पानी खेतों में चला जाता था। अब खोदाई करके मिट्टी पानी के प्राकृति बहाव की तरफ लगा दी है। इससे बरसाती सीजन में ग्रामीणों को समस्या हो सकती है। तालाब ओवरफ्लो होने से पानी नालियों व गलियों में जमा हो जाएगा। इसलिए कार्य को शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। वहीं पूर्व सरपंच प्रवीण कुमार, विशाल, दीपक रामकुमार व सागर का कहना है कि खोदी गई मिट्टी बरसात में तालाब के अंदर चली जाएगी। फिर से खोदाई का काम करना पड़ेगा। इसका अधिकारियों ने पहले ध्यान नहीं रखा। निर्धारित समय से काम हो जाएगा पूरा :
वहीं पंचायत विभाग के जेई राजेश आर्य का कहना है कि तालाब का काम 20 से 25 प्रतिशत हो चुका है। उनका दावा है कि जल्द से यह काम पूरा कर दिया जाएगा।