डीएम का आदेश न मानने पर हटे थे ईओ, अब फिर चौथी बार रामपुर में तैनात
जेएनएन, रामपुर : जिलाधिकारी के आदेश न मानने पर हटाए गए अधिशासी अधिकारी को फिर चौथी बार रामपुर मे तैनात कर दिया गया है। शासन की ओर से इन्हें आरोप पत्र भी मिल चुका है, जिसकी जांच चल रही है।
शासन ने रामपुर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी डा.विवेकानंद गंगवार का तबादला मुरादाबाद नगर निगम कर दिया है, जबकि इनके स्थान पर मुरादाबाद नगर निगम से इंदू शेखर मिश्रा को रामपुर भेजा गया है। वह पहले भी तीन बार रामपुर में रह चुके हैं। उनका मूल विभाग पशु चिकित्सा है, लेकिन प्रतिनियुक्त पर नगर विकास विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। जून 2019 में वह रामपुर नगर पालिका में ईओ बने। इसके दो माह बाद बलिया तबादला हो गया, लेकिन कुछ दिन बाद ही वह फिर रामपुर आ गए। कार्य में लापरवाही बरतने पर तत्कालीन जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने इनके खिलाफ शासन को लिखा। तीन मई 2000 को वह निलंबित कर दिए गए। चार माह बाद फिर रामपुर में आ गए। 16 जुलाई 2021 को शासन ने उन्हें फिर रामपुर से हटाकर मुरादाबाद नगर निगम भेज दिया। लेकिन, अब फिर रामपुर नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी के पद पर स्थानांतरण कर दिया गया है। इस बीच 16 मार्च 2022 को उन्हें चार्जशीट भी दे दी गई। साथ ही इसकी जांच बिजनौर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बिजेंद्र सिंह को सौंप दी गई। उनका कहना है कि अभी जांच चल रही है।
चार्जशीट में लगे आरोप
कार्य में लापरवाही बरतने और आदेशों का पालन न करने पर तत्कालीन जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा था। शासन ने मामले को गंभीरता से लिया और अधिशासी अधिकारी को निलंबित कर दिया। इस मामले में आरोप पत्र भी दे दिया, जिसमें कहा कि आदेश के बाद भी पहाड़ी गेट व मंडेयान स्थित कांशीराम कालोनी और डूंगरपुर स्थित आसरा आवास कालोनी में अवैध रूप से निवास कर रहे लोगों का सत्यापन और निष्कासन नहीं कराया गया। ई-रिक्शा के संबंध में जो निर्देश दिए गए थे, उनका भी अनुपालन नहीं किया गया। गंदे पानी की समुचित निकासी की व्यवस्था भी नहीं की गई। नगर क्षेत्र में खराब एलइडी लाइट बदले जाने में भी लापरवाही बरती गई। आन्जनेय कुमार अब मुरादाबाद के मंडलायुक्त हैं। यहां जिलाधिकारी रहते एक बार तो लापरवाही बरतने पर इंदुशेखर से इतने खफा हुए थे कि शहर कोतवाली में बंद करा दिया था। कई घंटे बाद छोड़ा गया था।