Effect Of Plastic Ban: पॉलिथिन बंद होने से होटलों में खाना परोसने में हो रही दिक्कत, परेशानी के बावजूद लोगों ने कहा “नो पॉलिथिन”
Effect Of Plastic Ban साकची बाजार के मुहाने पर एक होटल के मालिक शरद कुमार ने बताया कि थर्मोकोल की तुलना में कागज व पत्तल के कप-प्लेट थाली आदि की कीमत 15 से 30 रुपये सैकड़ा महंगा पड़ रहा है लेकिन प्रतिबंध को देखते हुए इसका उपयोग कर रहे हैं।
जमशेदपुर, जासं। प्लास्टिक पर प्रतिबंध पहले से लागू है। जिला प्रशासन ने पहले भी इसे लागू कराने की खूब कवायद भी की, लेकिन इस बार जैसा असर पहले नहीं दिखा था। होटल-ढाबों से लेकर ठेलों तक से थर्मोकोल की कटोरी, कप, प्लेट, गिलास आदि गायब हो गए हैं। इसकी जगह कागज, गत्ते व साल-सखुआ के पत्ते और इससे बने दोने, प्लेट व थाली का उपयोग हो रहा है।
होटल और ढ़ाबों पर लकड़ी के चम्मच का इस्तेमाल
साकची बाजार के मुहाने पर एक होटल के मालिक शरद कुमार ने बताया कि थर्मोकोल की तुलना में कागज व पत्तल के कप-प्लेट, थाली आदि की कीमत 15 से 30 रुपये सैकड़ा महंगा पड़ रहा है, लेकिन प्रतिबंध को देखते हुए इसका उपयोग कर रहे हैं। यही नहीं, प्लास्टिक की चम्मच की जगह लकड़ी का चम्मच मंगा रहे हैं। यह प्लास्टिक की तुलना में 15 से 20 रुपये महंगा है। हालांकि चपटी या सपाट होने से ग्राहकों को इसमें उतनी सुविधा नहीं हो रही है, लेकिन धीरे-धीरे लोग इसे अपनाने लगेंगे।
चाय दुकानदारों को भी मंहगा पड़ रहा कागज का कप
गरमनाला में चाय दुकान चलाने वाले कौशल बताते हैं कि कागज का कप 10 से 15 रुपये प्रति सैकड़ा अधिक महंगा पड़ रहा है, लेकिन जुर्माना भरने से यही अच्छा है। हालांकि अभी तक जिला प्रशासन या नगर निकाय का कोई अधिकारी जांच करने नहीं आया है, लेकिन कार्रवाई का इंतजार क्यों करें। आसपास के दूसरे दुकानदार भी सिंगल यूज प्लास्टिक, कप, प्लेट, थाली आदि का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। अभी इसकी आवक कम है, लेकिन वितरकों का कहना है कि एक सप्ताह में मांग के अनुरूप आपूर्ति होने लगेगी। गौरतलब है कि इसी तरह से लोग अगर खुद से जागरूक हो जाएंगे, तो ना सिर्फ हमारा शहर साफ-सुथरा रहेगा, बल्कि हमारे पर्यावरण को भी दूषित होने से बचाया जा सकता है।