जांच को डीएम ने फिर जारी किया आदेश, तीन दिनों में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश
बेगूसराय। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल शहरी हर घर नल का जल योजना में व्याप्त गड़बड़ी से संबंधित खबर 28 फरवरी को दैनिक जागरण में छपने पर डीएम रोशन कुशवाहा ने संज्ञान लिया है।
बेगूसराय। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल शहरी हर घर नल का जल योजना में व्याप्त गड़बड़ी से संबंधित खबर 28 फरवरी को दैनिक जागरण में छपने पर डीएम रोशन कुशवाहा ने संज्ञान लिया है। खबर छपने के बाद 19 मई को उन्होंने मामले की जांच कर एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट देने का निर्देश सदर एसडीओ को दिया था, लेकिन निर्धारित अवधि तक जांच रिपोर्ट नहीं मिलने पर 25 जून को उन्होंने फिर से आदेश जारी कर तीन दिनों में जांच रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश सदर एसडीओ को दिया है।
जांच आदेश में दिया खबर का हवाला : नप बीहट क्षेत्र में नल जल योजना में भारी अनियमितता को लेकर जागरण में छपी खबर का हवाला देते हुए उन्होंने 19 मई को पत्र जारी कर सदर एसडीओ को जांच करने का निर्देश दिया था। पत्र में डीएम ने स्पष्ट लिखा है कि दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर से प्रतीत होता है कि नप बीहट क्षेत्र अंतर्गत नल जल योजना में व्यापक रूप से वित्तीय अनियमितता होने की संभावना प्रतीत होती है। इसका बिदुवार जांच कर प्रतिवेदन एक सप्ताह के भीतर जिला ग्रामीण अभिकरण कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। पत्र के आलोक में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने के बाद डीएम ने पुन: 25 जून को सदर एसडीओ के नाम पत्र जारी किया है कि नप बीहट क्षेत्र में नल जल योजना की जांच कर तीन दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। नप बीहट वार्ड संख्या दस का है मामला : मामला नगर परिषद बीहट के वार्ड संख्या 10 का है। क्षेत्र अंतर्गत गढ़हरा वार्ड संख्या दस में नल जल योजना, सड़क एवं पोखर सौंदर्यीकरण कार्य में अनियमितता एवं गुणवत्ता की जांच को लेकर जदयू श्रमिक प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष लाल बहादुर महतो के द्वारा स्थानीय लोगों का संयुक्त हस्ताक्षरित आवेदन भी डीएम को दिया गया है। इसमें विकास कार्यों की गुणवत्ता की जांच करने का आग्रह किया है।
संवेदक की बढ़ी बेचैनी : डीएम द्वारा दो पत्र निर्गत करने के बाद जांच अधिकारी कब तक जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराते हैं, यह तो आने वाले समय में पता चलेगा, लेकिन जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए तीन दिन का समय निर्धारित करने पर नप बीहट कार्यालय व संवेदक की बेचैनी बढ़ गई है।