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सजा और जुर्माने की सुन 18 महीने में 15 दूल्हों ने नहीं लिए सात फेरे, दुल्हन भी बोलीं थैंक यू!

आगरा में बाल कल्याण समिति के सामने आए डेढ़ साल में बाल विवाह के 18 मामले। कानूनी कार्रवाई की जानकारी होने पर दुल्हन के बालिग होने तक दूल्हों ने बढ़ाई तारीख। मानव तस्करी निरोधक यूनिट और चाइल्ड लाइन की टीम सूचना मिलते ही पहुंच रही मौके पर।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 10:14 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 10:14 AM (IST)
सजा और जुर्माने की सुन 18 महीने में 15 दूल्हों ने नहीं लिए सात फेरे, दुल्हन भी बोलीं थैंक यू!
आगरा में बीते 18 महीने में बाल विवाह के 15 मामले रुकवाए जा चुके हैं।

आगरा, अली अब्बास। मंसूखपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव में 20 अप्रैल की रात को दूल्हा बरात लेकर दरवाजे पहुंच चुका था। बराती और घराती खाना खा चुके थे। नाबालिग दुल्हन के साथ दूल्हा मंडप में फेरे की तैयारी कर रहा था। इसी दौरान पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम पहुंच गई। जिसे देखते ही बराती और घराती भाग खड़े हुए। हद तो यह हो गई कि दुल्हन भी मंडप से भागकर गांव के बाहर किसी खेत में जाकर छिप गई।

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काफी तलाश के बाद भी दुल्हन नहीं मिली तो पुलिस दूल्हे को पकड़कर ले आई। जिसके बाद सुबह दुल्हन को लेकर स्वजन थाने पहुंचे। जिद पर अड़े दूल्हे को पुलिस ने नाबालिग संग शादी करने पर कानूनी कार्यवाही बताई, सजा की जानकारी दी तो उसने फेरे लेने से मना कर दिया। वहीं, नाबालिग दुल्हन के स्वजन ने भी बाल कल्याण समिति को लिखित में आश्वासन दिया कि उसके बालिग होने तक शादी नहीं करेंगे।

केस दो: फतेहाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव में दो महीने पहले नाबालिग की शादी की तैयारी हो चुकी थी। मानव तस्करी निरोधक यूनिट और चाइल्ड लाइन की टीम गांव पहुंच गई। दुल्हन के विद्यालय के दस्तावेज देखे तो उसकी उम्र 15 साल निकली। स्वजन को शादी नहीं करने के लिए समझाया। स्वजन तो मान गए लेकिन उनके सामने समस्या आई कि लड़के वालों को ऐन वक्त पर कैसे मना किया जाए। पुलिस और चाइल्ड लाइन ने लड़के वालों से संपर्क किया, उसे बताया कि शादी करने पर मुकदमा दर्ज हो सकता है। जिसके बाद उसने बरात लेकर आना टाल दिया।

दुल्हन के बालिग होने पर बरात लेकर आने का आश्वासन दिया। एक जनवरी 2021 से जून 2022 के दौरान इस तरह के 15 मामले में जिले में सामने आए। जिनमें दूल्हा बरात लेकर दरवाजे पर पहुंच गया था। नाबालिग की शादी की पूरी तैयारी हो चुकी थी। ऐन वक्त पुलिस को जानकारी होने पर बरात के पीछे पुलिस भी पहुंच गई। शादी की जिद पर दूल्हे और उसके स्वजन को कानून की जानकारी दी।

वह दोबारा चकमा देकर नाबालिग संग फेरे लेने का प्रयास न करे, इसके लिए बाल कल्याण समिति ने उसे एक लाख रुपये जुर्माना और दो साल की सजा से अवगत कराया। कानून की जानकारी हाेने पर इन दूल्हों ने अपना इरादा बदल दिया। उधर दुल्हन भी कानून के हस्तक्षेप से खुश नजर आ रही हैं, वे पढ़ना चाहती हैं और बड़े होकर कुछ बनना चाहती हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य

- स्वजन आर्थिक कारणों के चलते बड़ी बेटी संग दूसरी का विवाह कर रहे थे।

- दुल्हन बनने वाली लड़कियाें की उम्र 16 से 18 वर्ष के बीच थी।

- बरात लाने वाले सभी दूल्हे बालिग थे।

- नाबालिगों की शादी के अधिकांश मामले ग्रामीण क्षेत्रों के थे।

- बेटियों की कम उम्र में शादी करने को तैयार होने वाले अधिकांश अभिभावकों को कानून की जानकारी नहीं थी।

डेढ़ साल के दौरान 15 मामले बाल कल्याण समिति के सामने आए। जिसमें लड़की और लड़के दोनों की काउंसलिंग की गई। जिसके बाद लड़की के स्वजन उसके बालिग होने पर शादी के लिए मान गए।

मोनिका सिंह, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति 

कोरोना काल में आए थे सबसे ज्यादा बाल विवाह के मामले  

वर्ष 2020 में कोरोना काल में सबसे ज्यादा बाल विवाह के मामले में चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समिति के सामने आए थे। जिसका कारण कोरोना गाइड लाइन के तहत विभिन्न आयोजनों में आने वाले लोगों की संख्या को निर्धारित करना था।

कोरोना गाइड लाइन उन लोगों के लिए एक मौका साबित, जो आर्थिक तंगी के चलते अपनी बेटियाें की शादी नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने सादे आयोजन में चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में बेटियाें की शादियां की। इसी दौरान एक दर्जन से अधिक मामले में बाल विवाह के आए थे।  जिसमें पुलिस और चाइल्ड लाइन को अभिभावकों की काउंसलिंग करनी पड़ी।


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