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प्रदेश में खुलेंगे अरसे से बंद पड़े एएनएम ट्रेनिंग सेंटर, 17 मंडलों के 35 जनपदों में शुरू होगा प्रशिक्षण

सरकार ने बंद पड़े एएनएम ट्रेनिंग सेंटरों को खुलवा दिया है। अब प्रदेश के 17 मंडलों के 35 जनपदों में इसी सत्र से दो वर्षीय एएनएम प्रशिक्षण शुरू होगा। इनमें अलीगढ़ भी शामिल है। इसमें दाखिले के लिए आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चल रही है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 04:41 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 04:53 PM (IST)
प्रदेश में खुलेंगे अरसे से बंद पड़े एएनएम ट्रेनिंग सेंटर, 17 मंडलों के 35 जनपदों में शुरू होगा प्रशिक्षण
17 मंडलों के 35 जनपदों में इसी सत्र से दो वर्षीय एएनएम प्रशिक्षण शुरू होगा।

विनोद भारती, अलीगढ़ । ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं व बच्चों की देखभाल के साथ टीकाकरण, जांच, संस्थागत प्रसव व अन्य सहायता के लिए एएनएम (आक्सीलिएरी नर्स मिडवाइफ) की नियुक्ति होगी। सरकार ने बंद पड़े एएनएम ट्रेनिंग सेंटरों के ताले खुलवा दिए हैं। 17 मंडलों के 35 जनपदों में इसी सत्र से दो वर्षीय एएनएम प्रशिक्षण शुरू होगा। इनमें अलीगढ़ भी शामिल है। पुराने भवनों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। दाखिले के लिए आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चल रही है।  

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इन जनपदों में शुरू होंगे ट्रेनिंग सेंटर 

अलीगढ़, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, मेरठ, हापुड़, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, अयोध्या, सुल्तानपुर, आजमगढ़, बलिया, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बस्ती, बांदा, महोबा, गोरखपुर, झांसी, इटावा, फर्रूखाबाद, कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, मीरजापुर, वाराणसी, जौनपुर, प्रयागराज व प्रतापगढ़।

पुराने भवनों का जीर्णोद्धार

एएनएम ट्रेनिंग के लिए पुराने भवनों का 90 प्रतिशत जीर्णोद्धार हो चुका है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को अतिरिक्त धनराशि आवंटित की गई थी। हर सेंटर पर एकेडमिक व प्रशासनिक ब्लाक के साथ हास्पिटल की सुविधा भी मिलेगी।

30 विद्यार्थियों का बैच

शहर में बन्नादेवी ट्रेनिंग सेंटर का जीर्णोद्धार लगभग पूरा है। यहां 30-30 सीट की क्षमता के दो कक्ष तैयार किए गए हैं। जो प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए होंगे। पहला बैच 30 विद्यार्थियों का होने का अनुमान है।

आशा कार्यकर्ता को वरीयता

एएनएम ट्रेनिंग में सरकार ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बनी आशा कार्यकर्ताओं को वरीयता दे रही है। इसके लिए पांच वर्ष का अनुभव व इंटरमीडिएट (बायोलाजी) उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। सरकार का मानना है कि आशा कार्यकर्ता पहले से ही ट्रेंड हैं, वे बतौर एएनएम और बेहतर कार्य कर सकती हैं।

एएनएम के कार्य

एएमएन प्रत्येक बुधवार-शनिवार को सब सेंटरों पर पहुंचकर गर्भवतियों व शिशुओं का टीकाकरण तो करती ही हैं। स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचकर गर्भवतियों व बच्चों की जांच भी करती हैं। डोर टू डोर अभियान के साथ सार्वजनिक स्थलों पर शिविर करती हैं। एएनएम को 49 प्रकार की सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। इसमें बीपी मशीन, स्टेथोस्कोप (आला), दो वजन मशीन (बच्चों-बड़ों के लिए), हब कटर, स्टेडियो मीटर, पेट जांचने के लिए टेबल-तख्त, एनाफायलेक्सिस किट, ईसीपी पैकेट, मूत्र परीक्षण स्ट्रिप्स व संग्रह कप, एचआइवी किट, सिफलिस किट, फेटोस्कोप एंड डापलर, एचबी परीक्षण स्ट्रिप, आयरन, कैल्शियम, जिंक समेत कई प्रकार की सामान्य दवा, गर्भनिरोधक सामग्री व स्टेशनरी शामिल है।

इनका कहना है

इसी सत्र से ट्रेनिंग शुरू होनी है। इसलिए योजना हमारी प्राथमिकता में है। बन्नादेवी स्थित सेंटर का जीर्णोद्धार हो चुका है। एकेडमिक, प्रशासनिक भवन व हास्टल तैयार है।

डा. नीरज त्यागी, सीएमओ


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