दिल्ली से बनवाया अहेरिया जाति का प्रमाणपत्र, यूपी में बनी प्रधान, अब गई प्रधानी
अवैध प्रमाण के सहारे ग्राम प्रधान बनने पर सादाबाद तहसील के सहपऊ ब्लाक की ग्राम पंचायत रामपुर की प्रधान पर गाज गिर गयी। उनके प्रमाणपत्र को अवैध माना गया है। मामला उजागर होने पर जिलाधिकारी ने उन्हें पदच्युत कर दिया है।
हाथरस, जागरण संवाददाता। सादाबाद तहसील के सहपऊ ब्लाक की ग्राम पंचायत रामपुर की प्रधान सुजाता देवी की प्रधानी पर गाज गिर गई है। अनुसूचित जाति से अहेरिया जाति का प्रमाणपत्र काे जांच के बाद अवैध माना गया है। यह प्रमाणपत्र दिल्ली से बनवाया गया था जबकि यूपी में अहेरिया जाति अनुसूचित जाति में सूचीवद्ध नहीं है। जिलाधिकारी ने उन्हें पदच्युत कर दिया है।
तहसीलदार से मांगी गयी थी आख्या
गांव रामपुर निवासी नीरज देवी पत्नी सुभाष ने 11 नवंबर 2021 को उच्च न्यायालय में रिट दायर की थी। इसमें ग्राम प्रधान सुजाता देवी पत्नी अरविंद द्वारा दिल्ली से सांठ-गांठ कर अहेरिया जाति से फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र बनावाकर चुनाव जीतने की शिकायत की थी। न्यायालय ने स्थानीय प्रशासन को चार माह में मामले का निस्तारण कर जवाब प्रस्तुत करने को कहा। 22 नवंबर को डीपीआरओ हाथरस द्वारा जांच शुरू की गई। सुजाता देवी की ससुराल रामपुर ग्राम पंचायत गांव ढकपुरा में है। ऐसे में तहसीलदार सादाबाद के यहां से जाति प्रमाणपत्र के संबंध में आख्या मांगी गई। 21 अप्रैल 2022 को तहसीलदार-एसडीएम सादाबाद द्वारा जारी आख्या में स्पष्ट किया गया कि यह जाति प्रमाणपत्र सादाबाद से निर्गत नहीं किया गया है। सुजाता देवी पुत्री जगदीश सिंह का मायका अलीगढ़ जनपद की इगलास तहसील के गांव महुआ पोस्ट गोरई में है। इगलास तहसील से भी प्रमाणपत्र जारी नहीं होने की रिपोर्ट डीपीआरओ को भेजी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि सुजाता देवी के पिता जगदीश सिंह की जाति अहेरिया है। सुजाता देवी का अहेरिया (अनुसूचित जाति) का प्रमाणपत्र पूर्वी दिल्ली से 20 अगस्त 2010 को निर्गत किया गया है। जांच अधिकारी द्वारा 7 मई 2022 को ग्राम प्रधान सुजाता देवी को नोटिस दिया गया। उनका जाति प्रमाणपत्र न तो ससुराल से न हीं मायके से बनने के संबंध में ग्राम प्रधान से एक सप्ताह में जवाब देने को कहा गया।
ग्राम प्रधान का जवाब
ग्राम प्रधान ने जवाब में कहा कि यह शिकायत उन्हें नुकसान पहुंचाने और अधिकारियों को भ्रमित करने के उद्देश्य से की गई है। उसके पिता की जाति करबल है, जोकि उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत है। प्रार्थिया के पिता वर्ष 2001 में दिल्ली की विवेक विहार कालोनी में बस गए थे। पिता की जाति करबल है, इस लिए उनकी भी जाति करबल मानी जाएगी। जिला अलीगढ़ मेें करबल जाति की पर्यायवाची जाति के रूप में अलीगढ़ अंकित की गई है। इस लिए करबल जाति के सदस्य को ही अहेरिया जाति के नाम से बोला जाता है। दिल्ली में करबल जाति सूचीबद्ध नहीं है जबकि उसकी पर्यायवाची अहेरिया अनुसूचित जाति में सूचीबद्ध है। इसी लिए दिल्ली से उन्हें करबल के स्थान पर अहेरिया जाति का प्रमाणपत्र जारी किया गया है।
उत्तर प्रदेश में एससी में सूचीबद्ध नहीं अहेरिया
अहेरिया जाति उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति में सूचीबद्ध नहीं है। जांच में माना गया है कि ग्राम प्रधान सुजाता द्वारा अपने शपथ पत्र में मिथ्या घोषणा की है, और अनुसूचित जाति के सदस्य होने का लाभ लिया है। प्रधान का स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाए जाने पर डीएम ने प्रधान को पदच्युत कर दिया है। उन्होंने रामपुर में ग्राम प्रधान का पद रिक्त होने की घोषणा भी की है।