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कहने को 46 एपीएचसी, इलाज भगवान भरोसे, डाक्टर व नर्स बिरले ही दर्शन देते

सीतामढ़ी। जिले में 46 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालित हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 12:51 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 12:51 AM (IST)
कहने को 46 एपीएचसी, इलाज भगवान भरोसे, डाक्टर व नर्स बिरले ही दर्शन देते
कहने को 46 एपीएचसी, इलाज भगवान भरोसे, डाक्टर व नर्स बिरले ही दर्शन देते

सीतामढ़ी। जिले में 46 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालित हैं। इनमें सभी जगहों पर एएनएम की तैनाती की गई है, मगर ग्रामीण इलाके में संचालित उपस्वास्थ्य केंद्र प्रतिदिन नहीं खुलते। अगर कहीं खुल भी गया तो वहां डॉक्टर ढूंढे नहीं मिलते। लोगों का कहना है कि उपस्वास्थ्य केंद्र पर अत्यावश्यक दवाएं भी उपलब्ध नहीं रहती हैं। इसके अलावा जिले में 13 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और तीन पीएचसी में मरीजों की देखभाल की जाती है। सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र लाल ने बताया कि इन केंद्रों के अलावा जिले में एक बेलसंड में अनुमंडलीय अस्पताल भी है, जबकि पुपरी अनुमंडलीय अस्पताल नाम का ही है। इसको लेकर कई बार सरकार को लिखा गया है। अधिकांश समय बंद रहते उप स्वास्थ्य केंद्र :

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बेलसंड प्रखंड के कुल 07 उप केंद्र व 03 अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र फाइल में भले ही ऑपरेटिव दिखता हो, हकीकत बिल्कुल जुदा है। अधिकतर स्वास्थ्य उप केंद्र हमेशा बंद रहते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बड़ी आबादी आरएमपी व नीम हकीमों के उपर निर्भर है। पीएचसी प्रभारी डा. हेमंत कुमार का दावा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में उप केंद्रों पर डाक्टर व नर्स तैनात हैं, लेकिन ग्रामीणों की शिकायतें सर्वविदित हैं। शिकायतें यह कि उप स्वास्थ्य केंद्रों पर ताले लटके रहते हैं। हफ्ते में दो दिन टीकाकरण के बाद एएनएम केंद्र से अनुपस्थित रहती हैं। सुविधा विहीन अतिरिक्त उपस्वास्थ्य केद्र:

सोनबरसा प्रखंड के कई स्वास्थ्य उपकेंद्र शुक्रवार को बंद पाए गए। सभी स्वास्थ्य उप केंद्रों पर एएनएम केवल टीकाकरण करने जाती हैं। शेष दिन बंद ही रहते हैं। स्थानिय भोला कुमार, महेंद्र कुमार, सरीता कुमारी ने बताया कि एपीएचसी ज्यादातर बंद रहते हैं। पूछने पर डाक्टरों व नर्सों की कमी बताई जाती है। एएनएम कभी- कभार आती हैं। अस्पताल में दवा का भी अभाव है। सांप काटने की भी दवा नहीं है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. प्रवीण कुमार ने बताया कि पीएचसी में चिकित्सक की कमी के कारण छतौनी एपीएचसी के चिकित्सक को यहां तैनात किया गया है। डाक्टरों व कर्मियों की समस्या

बथनाहा में संचालित अतिरिक्त उपस्वास्थ्य केद्रों पर कहने को चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति है। चिकित्सक व नर्स यहां नहीं मिलते। कुछेक को छोड़ दें तो कईयों के ताले भी नहीं खुलते। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हो या उपस्वास्थ्य केंद्र सभी की हालत एक जैसी है। चिकित्सकों की कमी के कारण उपस्वास्थ्य केंद्रों पर महीनों ताले झूलते रहते हैं। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. एसपी झा ने बताया कि पीएचसी में चिकित्सकों की घोर कमी है। स्वास्थ्य उपकेंद्रों की बात तो दूर अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केद्रों पर पदस्थापित चिकित्सकों से पीएचसी में ड्यूटी लेना मजबूरी है। स्टाफ की भी किल्लत है। 10 अतरिक्त स्वास्थ केंद्र को अपना भवन नहीं

बथनाहा के महुआवा, रून्नीसैदपुर के लालपुर व तिलक ताजपुर व पोता, नानपुर के पंडौल व माली बाजार, रीगा के पोसूआ पटनिया, सुप्पी के मोहनी मंगल, डुमरा के मेहसौल व बेलसंड के डुमरा में कागज पर ही स्वास्थ्य केंद्र चल रहे है। जबकि 36 अतरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का भवन बेहद जर्जर हालात में हैं।


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