बच्चों ने दी देशभक्ति से सरोबार गीतों की प्रस्तुति
उप-प्रवर्तिनी संथारा साधिका महासाध्वी स्वर्णकांत महाराज की सुशिष्या श्रुत भारती पंजाब सिंहनी महासाध्वी स्वाति महाराज ठाणा सुखसाता एसएस जैन स्थानक अग्र नगर में विराजमान हैं।
संस, लुधियाना : उप-प्रवर्तिनी संथारा साधिका महासाध्वी स्वर्णकांत महाराज की सुशिष्या श्रुत भारती पंजाब सिंहनी, महासाध्वी स्वाति महाराज ठाणा सुखसाता एसएस जैन स्थानक अग्र नगर में विराजमान हैं। इस अवसर पर महासाध्वी स्वाति महाराज के सान्निध्य में स्वतंत्रता दिवस पर विशेष सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चों ने देशभक्ति के गीतों से पूरे माहौल को आजादी के रंग में रंग दिया। महासाध्वी स्वाति महाराज ने कहा परमात्मा के आत्मिक गुणों का चितन मनन करना, जीवन में उन गुणों का आचरण करना एवं अपने आराध्य देव द्वारा दिए हुए सिद्धांतों को, शिक्षा को स्वयं के जीवन में आचरण के रूप में लाना ही परमात्मा की भक्ति है। भक्ति से पुण्य और धर्म बढ़ता है। एक सवाल आया कि संपत्ति बड़ी होती है या भक्ति। जीवन में संपत्ति का क्या महत्व है और भक्ति का क्या तात्पर्य है। तो महापुरुष कहते हैं कि तराजू के एक पलड़े में संपत्ति रख दी जाए और दूसरे पलड़े पर भक्ति रख दी जाए। तो भक्ति बड़ी हो जाएगी। क्योंकि भक्ति से मन को सुकून, शांति मिलती है और संपत्ति से केवल सामान मिलता है। इस अवसर पर अध्यक्ष बलविदर जैन, नरेश जैन शारु, महेंद्र पाल जैन, नवीन जैन सहित गणमान्य सदस्यगण शामिल थे।