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पैरा एथलीटों की अनदेखी पर खेल मंत्रालय सख्त

मधुबन बापूधाम में आयोजित 15वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्सचैंपियनशिप में खिलाडिय़ों को बिना सुविधाओं वाली गंदी जगह पर ठहराये जाने की घटना पर कड़ा रवैया अपनाते हुए खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को इस पर आयोजकों से रिपोर्ट देने को कहा और 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने का वादा

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2015 07:24 PM (IST)Updated: Mon, 23 Mar 2015 02:49 AM (IST)
पैरा एथलीटों की अनदेखी पर खेल मंत्रालय सख्त

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। मधुबन बापूधाम में आयोजित 15वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्सचैंपियनशिप में खिलाडिय़ों को बिना सुविधाओं वाली गंदी जगह पर ठहराये जाने की घटना पर कड़ा रवैया अपनाते हुए खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को इस पर आयोजकों से रिपोर्ट देने को कहा और 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने का वादा किया। सोनोवाल ने कहा कि उन्होंने भारतीय पैरालंपिक समिति और अपने सचिव से विस्तार से रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

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इस चैंपियनशिप का आयोजन भारतीय पैरालंपिक समिति की उत्तर प्रदेश इकाई ने किया था। पैरा-एथलीट्स (विकलांग खिलाडिय़ों) को एक तो बिल्डिंग के दूसरे तल पर ठहराया था। उस पर वह उनके रहने लायक भी नहीं था। करीब 600 पैरा एथलीट इस बिल्डिंग में ठहरे हुए थे। बिल्डिंग में न तो सुविधाजनक टॉयलेट थे और न ही पीने के पानी की सुविधा। पुरुष और महिला एथलीट्स को फर्श पर सोना पड़ रहा था। वे बाहर ही नहाने को मजबूर थे। मोबाइल टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए खिलाडिय़ों को व्हील चेयर से उतरना पड़ता था। इनकी परेशानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रविवार दोपहर प्रतियोगिता खत्म हो गई, लेकिन शाम तक खिलाड़ी स्टेडियम के बाहर बस का इंतजार कर रहे थे।

प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले एक खिलाड़ी योगेश ने बताया, 'हमें उचित खाना नहीं मिला। हम पिछले चार दिन से पूरी और एक सब्जी खा रहे हैं। हमें डंडों की मदद से चलना पड़ता है और फिर भी हमें दूसरे तल पर रखा गया। व्हीलचेयर से चलने वाले खिलाडिय़ों के लिए रैंप भी नहीं है। टॉयलेट गंदे हैं और पानी भी नहीं है।' एक अन्य खिलाड़ी विनय ने कहा कि हमने दो दिनों तक टैंकर का पानी पीकर गुजारा किया।

मीडिया में खबर के आने के बाद खेल मंत्री सोनोवाल ने ट्वीट किया, सभी खिलाडिय़ों को अच्छी तरह रखना हमारी प्राथमिकता है। विकलांग खिलाड़ी और उनकी सेहत हमारी प्राथमिकता है। प्रतियोगिता में कुप्रबंधन के कारणों की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारतीय पैरालंपिक समिति से इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। भारतीय पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष राजेश तोमर ने माना कि उनके अधिकारियों की तरफ से गलतियां हुई हैं। पूरे मामले की जांच समिति से कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि जल्द ही रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी जाएगी।

'सुविधाएं अच्छी नहीं थी और इस वजह से हमें परेशानियां झेलनी पड़ी। लेकिन मैं केवल महासंघ को दोष नहीं देना चाहता। सरकार को भी इस पर ध्यान देना होगा।' -देवेंद्र झाझरिया (स्टार पैरा एथलीट)


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