आइओए निलंबन टालने में जुटी, फैसला आज
निलंबन की धमकी को पहली बार गंभीरता से लेते हुए भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ (आइओसी) के शीर्ष अधिकारियों संग मुलाकात कर अपनी बात रखने का मन बना लिया है। दूसरी ओर, माना जा रहा है कि आज से शुरू होने वाली दो दिवसीय बैठक में आइओसी भारत की शीर्ष खेल संस्था को निलंबित करने का प्रस्ता ला सकती है।
नई दिल्ली। निलंबन की धमकी को पहली बार गंभीरता से लेते हुए भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ (आइओसी) के शीर्ष अधिकारियों संग मुलाकात कर अपनी बात रखने का मन बना लिया है। दूसरी ओर, माना जा रहा है कि आज से शुरू होने वाली दो दिवसीय बैठक में आइओसी भारत की शीर्ष खेल संस्था को निलंबित करने का प्रस्ताव रख सकती है।
निलंबन की संभावना को देखते हुए हरकत में आए आइओए के दो अधिकारी नरेंद्र बत्रा और आरके आनंद ने आइओसी के साथ बैठक के लिए लुसाने [स्विट्जरलैंड] जाने की तैयारी पूरी कर ली है। आइओए ने आइओसी से बैठक के लिए समय मांगा है और अभी उसे विश्व संस्था की ओर से जवाब का इंतजार है। आइओसी का आरोप है आइओए के चुनावों में गत दो वर्षो से भारत सरकार का हस्तक्षेप रहा है। इससे पहले आइओसी ने यह भी कहा था कि यदि आइओए के चुनाव सरकार की खेल संहिता के मुताबिक होते हैं तो वह चार-पाच दिसंबर को होने वाली कार्यकारी बोर्ड की बैठक में भारत की मान्यता रद करने का प्रस्ताव पेश करेगा। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि अगर वैश्विक संस्था भारत को निलंबित कर देती है तो पाच दिसंबर को होने वाले आइओए चुनावों का क्या होगा।
हॉकी इंडिया के महासचिव बत्रा ने कहा कि उन्हें आइओसी की तरफ से बैठक की पुष्टि का इंतजार है। बत्रा ने कहा, 'हमने आज से तीन दिन तक यात्रा के टिकट बुक करा लिए हैं और आइओसी की ओर से बैठक की पुष्टि होते ही हम रवाना हो जाएंगे। हमें इसका इंतजार है और पुष्टि कभी भी हो सकती है। आइओसी अधिकारियों के समक्ष अपना मामला रखने के लिए हमने सारी तैयारी कर ली है। हमें सकारात्मक नतीजे की उम्मीद है।'
दूसरी ओर, आइओए के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अभय चौटला ने भारत की शीर्ष खेल संस्था के निलंबन की खबर को महज अफवाह करार दिया है। वहीं निर्विरोध सीनियर वाइस प्रेसिडेंट चुने गए वीरेंद्र नानावती ने कहा कि आइओसी के पास पूरी कहानी की सही तस्वीर नहीं है। हमारे दो अधिकारी लुसाने जा रहे हैं और उम्मीद है कि आइओसी हमारा पक्ष सुनने से पूर्व कोई कदम नहीं उठाएगी। नानावती ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद आइओए चुनाव में बदलाव लाए गए थे। पहले हमने जब [आइओसी, आइओए और सरकारी पक्ष] बैठक की थी तब कोर्ट का आदेश नहीं आया था। लेकिन अब कोर्ट का आदेश आ गया है और मै पूछना चाहता हूं कि क्या कोई नागरिक अपने देश के कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर सकता है।
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