सचिन के पास सुदर्शन चक्र नहीं कि घुमाते ही रन बन जाएं: सिद्धू
पूर्व क्रिकेटर और अब कामेंटेटर के रूप में क्रिकेट से जुड़े रहने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने सचिन तेंदुलकर के खिलाफ की जा रही तमाम बहस पर तीखा वार किया। सिद्धू के मुताबिक फिलहाल सचिन के संन्यास के बारे में सोचना ठीक नहीं है जब तक उनका विकल्प नहीं मिल जाता यह फिजूल की बात होगी। उनके मुताबिक सचिन के पास बल्ला है ना कि सुदर्शन चक्र।
नई दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर और अब कामेंटेटर के रूप में क्रिकेट से जुड़े रहने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने सचिन तेंदुलकर के खिलाफ की जा रही तमाम बहस पर तीखा वार किया। सिद्धू के मुताबिक फिलहाल सचिन के संन्यास के बारे में सोचना ठीक नहीं है जब तक उनका विकल्प नहीं मिल जाता यह फिजूल की बात होगी। उनके मुताबिक सचिन के पास बल्ला है ना कि सुदर्शन चक्र।
सिद्धू ने भारतीय टीम के लिए सचिन तेंदुलकर की भूमिका को बेहद अहम करार दिया है और कहा कि सचिन एक खिलाड़ी हैं और जरूरी नहीं है कि हर बार वह अच्छा ही खेलेंगे। तेंडुलकर पिछली दस पारियों में केवल 153 रन बना पाए हैं जिससे क्रिकेट जगत में तमाम तरह की बहस शुरू हो गई है। सिद्धू ने मास्टर को लेकर चल रही तमाम तरह की आलोचनाओं को सिरे से खारिज कर दिया कि और कहा कि फिलहाल कोई उनके संन्यास के बारे में सोच भी नहीं सकता।
सिद्धू ने एक इंटरव्यू में कहा, हमारे पास मिडिल आर्डर वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ और सौरव गागुली नहीं हैं। हमें अनुभव की सख्त जरूरत है और जब तक हमें कोई विकल्प नहीं मिलता है, तब तक तेंदुलकर के संन्यास के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। तेंडुलकर के लगातार असफल रहने के सवाल पर सिद्धू ने कहा, सचिन भगवान नहीं है, वह भी इंसान है। उनके पास सुदर्शन चक्र नहीं, बल्ला है और बल्ला कभी-कभी चूकता भी है। जब उनकी आलोचना होती है तो दुख होता है क्योंकि सचिन शख्सियत नहीं, अपने आप में एक संस्था हैं। वह कोहीनूर हैं और उन्हें काच नहीं बनाया जा सकता। हीरा हमेशा हीरा रहेगा और उन्हें पूरी उम्मीद है कि अगले दो मैचों में वह वापसी करेंगे।
हालांकि सिद्धू ने स्वीकार किया कि उम्र बढ़ने के कारण तेंदुलकर के रिफलेक्शन कुछ कमजोर पड़ गए हैं। उन्होंने कहा, उनके रिफलेक्शन शायद कुछ धीमे हो गए हैं लेकिन वह बेहद अनुभवी हैं। उन्होंने 23 साल तक इंटरनैशनल क्रिकेट खेला है। वह खराब फार्म का हल निकाल लेंगे। सिद्धू का मानना है इंग्लैंड के खिलाफ वर्तमान सीरीज में टर्निग विकेट के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। उन्हें लगता है कि भारतीय टीम में एक लेग स्पिनर होना जरूरी है। सिद्धू ने कहा, हम यहा तेज या सपाट विकेट नहीं बना सकते। इसलिए हमारे पास टर्निंग विकेट बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इतना जरूर है कि टीम में लेग स्पिनर रखना जरूरी था। इतिहास भी गवाह है कि इंग्लैंड के बल्लेबाज शिवारामाकृष्णन, शेन वार्न, अनिल कुंबले, अमित मिश्रा जैसे लेग स्पिनरों के सामने परेशानी में रहे। सिद्धू ने इसके साथ ही खुलासा किया कि उनकी चयन समिति के अध्यक्ष संदीप पाटिल से भी इस बारे में बात हुई थी। उनके अनुसार मिश्रा और पीयूष चावला अभी-अभी चोटों से उबरे हैं। इसलिए उनके नाम पर विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा, मैंने संदीप भाई से बात की थी। उन्होंने बताया कि अमित और चावला अभी चोट से उबर रहे हैं।
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