बरेली में एडी हेल्थ का चौंकाने वाला फैसला, बंद कराई प्रधानमंत्री मातृत्व योजना घोटाले की जांच, पढ़िए पूरा मामला
Prime Minister Maternity Scheme Scam in Bareilly बरेली में एडी हेल्थ ने चौंकाने वाला फैसला लिया है।उन्होंने क्यारा सीएचसी पर चल रही प्रधानमंत्री मात़़ृत्व योजना घोटाले की जांच बंद करा दी है।जांच बंद कराने के पीछे उन्होंने अपना तर्क दिया है।
बरेली, जागरण संवाददाता। Prime Minister Maternity Scheme Scam in Bareilly : दो दिन पहले क्यारा सीएचसी पर प्रधानमंत्री मातृत्व योजना में घोटाले की जांच करने गई टीम को अभद्र भाषा का प्रयोग करके वापस लौटा दिया गया था। जिसके बाद जांच टीम ने स्पष्ट आख्या लिखकर दे दी कि जिस तरह से जिस टीम के साथ अभद्र व्यवहार हुआ है कि उससे स्पष्ट है कि उच्चस्तरीय जांच टीम पुलिस बल के साथ भेजकर जांच करानी होगी।
मगर हैरत तब हुई जब एडी हेल्थ ने इस पूरी जांच को शिकायत फर्जी बताकर बंद कर दिया। इससे यह सवाल उठना तो लाजिमी है कि जांच टीम के साथ अभद्र व्यवहार के बाद एडी हेल्थ को यह कैसे पता चल गया कि शिकायतकर्ता फर्जी है। तरह अचानक से जांच बंद होने से अफसरों की मंशा पर कई सवाल खड़े हो गए है।
क्यारा सीएचसी के बारे में एक शिकायत कर्ता ने एडी हेल्थ डा. दीपक ओहरी से शिकायत की। कहा कि वहां पर फर्जी महिलाओं को दिखाकर प्रधानमंत्री मातृत्व योजना का लाभ दिलवाया जा रहा है। जिसके बाद एडी हेल्थ ने तुरंत एक जांच कमेटी बनाई और क्यारा सीएचसी पर जांच के लिए भेज दी।
वहां पहुंचने के बाद क्यारा सीएचसी के एमओआइसी डा. सौरभ सिंह ने टीम के साथ अभद्र व्यवहार किया और टीम को बिना जांच पूरी किए है वहां से लौटा दिया। टीम ने वापस आकर अपनी आख्या एडी हेल्थ को सौंप दी। इसके बाद शुक्रवार के अचानक से एडी हेल्थ ने कहा कि जांच बंद कर दी गई है। क्योंकि शिकायत कर्ता फर्जी था।
उसकी जांच पड़ताल कराई गई तो शिकायतकर्ता के नाम का कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। यह बात अब गले नहीं उतर रही है। अगर शिकायत कर्ता फर्जी है तो भी सरकारी योजनाओं में घोटाले की जांच रोकने का क्या औचित्य है यह बात समझ से परे है।
जबकि जांच टीम की दी हुई रिपोर्ट में यह स्पष्ट लिखा है कि डा. सौरभ सिंह ने उनके साथ अभद्रता की। इसके बाद भी एडी हेल्थ मामले में जांच को आगे बढ़ाने से रोक रहे है। ऐसे में उनके ऊपर भी कई सवालिया निशान लगना शुरू हो चुके है।
शिकायतकर्ता फर्जी है, उसके बारे में जब पता लगवाया तो कोई जानकारी नहीं मिली। इसलिए अब जांच बंद हो गई है। जिस दिन टीम जांच करने गई उसी वक्त रिपोर्ट मिली की जांच करता फर्जी है। इसलिए टीम को वापस बुला लिया।