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US THAAD Missile and China: रूसी S-400 के बाद अमेरिकी THAAD मिसाइल से घिरा चीन, दक्षिण कोरिया ने चीन को दिखाया ठेंगा

दक्षिण कोरिया ने सीमा पर थाड की तैनाती की है। दक्षिण कोरिया के इस कदम से चीन में क्‍यों खलबली है। चीन के पास इस THAAD से निपटने के क्‍या सैन्‍य उपकरण है। इसके साथ यह भी जानेंगे कि इन THAAD मिसाइल सिस्‍टम की क्‍या खासियत है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 03:53 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 04:34 PM (IST)
US THAAD Missile and China: रूसी S-400 के बाद अमेरिकी THAAD मिसाइल से घिरा चीन, दक्षिण कोरिया ने चीन को दिखाया ठेंगा
US THAAD Missile and China: रूसी S-400 के बाद अमेरिकी THAAD मिसाइल से घिरा चीन। एजेंसी।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच दक्षिण कोरिया ने ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अमरिकी THAAD मिसाइल सिस्‍टम की तैनाती की है। इस क्रम में भारत ने भी पड़ोसी मुल्‍कों के किसी भी मिसाइल हमले से निपटने के लिए रूसी S-400 मिसाइल सिस्‍टम की तैनाती की है। THAAD मिसाइल सिस्‍टम की तैनाती के बाद चीन को मिर्ची लगी है। बता दें कि अमेरिकी थाड मिसाइल सिस्‍टम और रूसी एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम बैलिस्‍टक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। दक्षिण कोरिया के इस कदम से चीन में क्‍यों खलबली है। चीन के पास इस THAAD से निपटने के क्‍या सैन्‍य उपकरण है। इसके साथ यह भी जानेंगे कि इन THAAD मिसाइल सिस्‍टम की क्‍या खासियत है।

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आखिर क्‍या है चीन का तर्क

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के कार्यालय ने कहा कि हम अगस्त के अंत तक मिसाइल डिफेंस बेस को पूरी तरह से आपरेशनल कर देंगे। उधर, चीन अपनी सुरक्षा का बहाना देते हुए कह रहा है कि अमेरिका के टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस में लगे रडार का इस्तेमाल उसके देश को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है। चीन के इस आपत्ति को दरकिनार करते हुए दक्षिण कोरिया ने अमेरिका से THAAD मिसाइल सिस्टम की खरीद की और अब उसकी तैनाती की है। उधर, चीन ने दक्षिण कोरिया को डराने के लिए सीमा पर बड़ी संख्या में भारी हथियारों की तैनाती भी की थी। अब वर्तमान राष्ट्रपति यून सुक-योल ने वर्तमान थाड प्रणाली की तैनाती को पूरा करने और सियोल के करीब एक और इकाई स्थापित करने का ऐलान किया है।

US की थाड THAAD मिसाइल प्रणाली की खूबियां

1- अमेरिका की थाड THAAD मिसाइल प्रणाली की बात करें तो यह मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों को उनकी उड़ान के शुरुआती दौर में ही गिराने में सक्षम होती है। यह प्रणाली 'हिट टू किल' तकनीक पर कार्य करती है। यह सामने से आ रहे हथियार को रोकती नहीं बल्कि नष्ट कर देती है। यह दो सौ किलोमीटर की दूरी तक और 150 किलोमीटर की ऊंचाई तक मार करने में सक्षम है। थाड डिफेंस प्रणाली के जरिए करीब 200 किलोमीटर की दूरी तक और 150 किलोमीटर की ऊंचाई तक किसी भी टारगेट को पलक झपकते ही खत्म किया जा सकता है। इस तकनीक में मौजूद मजबूत रडार सिस्टम आस-पास की मिसाइल को उसकी लांचिंग स्टेज में ही पकड़ लेता है और निशाने का शुरुआत में ही खात्मा कर देता है। थाड मिसाइल प्रणाली सिस्‍टम से एक बार में आठ एंटी मिसाइल दागी जा सकती हैं।

2- अमेरिका के थाड मिसाइल सिस्टम को बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने के लिए बनाया गया है। इस सिस्टम को लाकहीड मार्टिन ने 1987 में विकसित किया था। 1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान इराक के स्कड मिसाइल हमलों से सबक लेते हुए इस सिस्टम को बनाया गया था। इस सिस्टम में शामिल मिसाइलों में सिंगल स्टेज राकेट इंजन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके उलट एस-400 डिफेंस सिस्टम में मल्टीलेयर मिसाइलें शामिल होती हैं। यह सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइलों को उनकी उड़ान के शुरुआती दौर में ही गिराने में सक्षम है। यह सिस्टम हिट टू किल तकनीक पर काम करता है, मतलब यह मिसाइलों को रोकने और भटकाने की जगह उन्हें बर्बाद कर देता है।

चीनी विदेश मंत्री ने दक्षिण कोरिया से जताई आपत्ति

चीनी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी और कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्री पार्क जिन ने थाड पर अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट की। मंगलवार को चीनी बंदरगाह शहर किंगदाओ में चीनी विदेश मंत्री वांग यी और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री पार्क जिन के बीच हुई बैठक के दौरान यह चर्चा का एक प्रमुख विषय था। चीनी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लेने और इस मुद्दे को ठीक से संभालने का प्रयास करने की आवश्यकता को रेखांकित किया ताकि यह चीन-रिपब्लिक आफ कोरिया (दक्षिण कोरिया) संबंधों के लिए एक बाधा न बने।


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