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उत्तराखंड में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं चिंता का सबब, अब घायलों को मिलेगा निश्शुल्क उपचार

Road Accidents In Uttarakhand स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने गुरुवार को कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों का प्रदेश के अस्पतालों में निश्शुल्क उपचार किया जाएगा। फिर चाहे व्यक्ति उत्तराखंड का हो या किसी अन्य राज्य का।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 12:16 PM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 12:16 PM (IST)
उत्तराखंड में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं चिंता का सबब, अब घायलों को मिलेगा निश्शुल्क उपचार
Road Accidents In Uttarakhand : स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत। फाइल

जागरण संवाददाता, देहरादून : Road Accidents In Uttarakhand : विषम भूगोल वाले उत्तराखंड में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं चिंता का सबब बनी हुई हैं। सड़क हादसों के कारण हर साल बड़ी संख्या में लोग जान गंवाते हैं।

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वहीं, घायल होने वालों की संख्या इससे कई गुना अधिक है। स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने गुरुवार को कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों का प्रदेश के अस्पतालों में निश्शुल्क उपचार किया जाएगा। फिर चाहे व्यक्ति उत्तराखंड का हो या किसी अन्य राज्य का।

सड़क दुर्घटना में घायल किसी व्यक्ति को समय पर उपचार मिल जाए तो बड़ी राहत होती है। अब राज्य सरकार यह व्यवस्था करने जा रही है कि सड़क दुर्घटना का शिकार होने वाले घायलों को नजदीकी अस्पताल में निश्शुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी।

दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल किसी भी व्यक्ति को त्वरित उपचार किसी भी अस्पताल की प्राथमिकता होनी चाहिए।

इसलिए यह व्यवस्था की जा रही है कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल में निश्शुल्क उपचार की सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत मरीज को निश्शुल्क उपचार की सुविधा मिलती है।

व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड बना है तो उसका उपचार निश्शुल्क होगा। यदि कार्ड नहीं बना है तो वहीं अस्पताल में बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति के पास आयुष्मान कार्ड नहीं होने पर भी उसका इलाज नहीं रुकेगा।

बता दें कि, सड़क दुर्घटना के बाद नजदीकी अस्पतालों को छोड़कर पीड़ितों को आमतौर पर सरकारी अस्पतालों में ले जाया जाता है। ऐसे में दुर्भाग्यवश कई घायलों की समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने से मौत हो जाती है। इस व्यवस्था से सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों की जान बचाने में सहायता मिलेगी।

राज्य स्थापना दिवस पर शुरू होगी प्रदेश की पहली सरकारी कैथ लैब

हृदय संबंधी रोगों के उपचार लिए मरीजों को अब निजी अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, क्योंकि दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में जल्द ही कैथ लैब बनकर तैयार हो जाएगी। जिसके बाद यहां पर रियायती दरों पर हृदय रोगियों को इलाज मिल सकेगा। वहीं, प्रदेश में अब सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों का पृथक कैडर बनाकर नया वेतनमान तय किया जाएगा।

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने गुरुवार को दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में कैथ लैब के शिलान्यास के दौरान यह बात कही। स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत ने कहा कि अब हार्ट सर्जरी दून अस्पताल में की जा सकेगी। अस्पताल में चार माह के भीतर कैथ लैब बनकर तैयार हो जाएगी। सरकार ने इसके लिए पांच करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। यह लैब हृदय रोगियों के लिए वरदान साबित होगी।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्धारित समयावधि में कैथ लैब का निर्माण कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए। कहा कि आगामी नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर लैब का उद्घाटन किया जाएगा। विभागीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पताल में स्थापित की जाने वाली यह पहली कैथ लैब है।

कहा कि सरकार का मकसद निजी अस्पतालों की भांति सरकारी अस्पतालों में भी हाइटेक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब कराना है, ताकि मरीजों को रियायती दरों पर उपचार मिल सके। दून अस्पताल में कैथ लैब खुलने से मरीजों को खासी राहत मिलेगी और हार्ट सर्जरी, वाल्व चेंज, हृदयघात आदि का बेहतर इलाज मिल सकेगा। इसके बाद मरीजों की निजी अस्पतालों पर निर्भरता भी कम होगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रत्येक मेडिकल कालेज में लाइफ स्टाइल क्लीनिक का नया विभाग खोला जाएगा, जिसमें संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स भी संचालित किए जाएंगे। राजकीय मेडिकल कालेजों में फैकल्टी की कमी को पूरा करने के लिए चिकित्सा सेवा चयन आयोग के माध्यम से 339 स्थायी असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

साथ ही 2600 स्टफ नर्सों की वर्षवार भर्ती प्रक्रिया को भी शीघ्र शुरू कर दिया जाएगा। राज्य में संस्थागत प्रसव की स्थिति में बेहतर सुधार हुआ है। मेडिकल कालेजों में पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए करीब दो हजार पदों की स्वीकृति का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जिसकी स्वीकृति मिलते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 

हर मेडिकल कालेज में लाइफ स्टाइल क्लीनिक

दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में लाइफ स्टाइल क्लीनिक शुरू हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने इसका उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक मेडिकल कालेज में लाइफ स्टाइल क्लीनिक खोला जाएगा। वहीं, इससे संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स भी संचालित किए जाएंगे।

बता दें, यहां विशेषज्ञ बिगड़ी जीवनशैली से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करेंगे। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने इस क्लीनिक का मकसद रोग प्रबंधन के साथ-साथ लोग को प्रिवेंटिव हेल्थ की ओर प्रेरित करना है। जनरल मेडिसिन, कम्युनिटी मेडिसिन, न्यूट्रीशियन और पीएमआर विभाग के चिकित्सक व स्टाफ इसमें अपनी सेवा देंगे।

मंगलवार से शुरू हो जाएगा सीसीयू

दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में दिल के मरीजों के लिए सीसीयू (कार्डियक केयर यूनिट) शुरू की जा रही है। इसमें 10 बेड की सुविधा होगी। सीसीयू आगामी मंगलवार से क्रियाशील हो जाएगा। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि प्रथम चरण में अस्पताल में कार्डियोलाजी की ओपीडी शुरू की गई थी। साथ ही ईको, टीएमटी, ईसीजी आदि की सुविधा मरीजों को मिल रही है।

कैथ लैब भी नवंबर तक शुरू हो जाएगी। इससे पूर्व सीसीयू शुरू किया जा रहा है। यह सुविधा 23 अगस्त से मरीजों को मिलने लगेगी। जिससे दिल के मरीजों को सहूलियत हो जाएगी। सीसीयू के लिए स्टाफ की व्यवस्था कर दी गई है।

फिलहाल यहां उन हृदय रोगियों को भर्ती किया जाएगा जिन्हें सर्जरी, एंजियोप्लास्टी या स्टंटिंग की आवश्कता नहीं है। वहीं, इमरजेंसी प्रभारी को भी निर्देशित किया गया है कि इमरजेंसी में हृदय संबंधी किसी मरीज के आने पर उसे अन्यत्र रेफर न किया जाए। ऐसे मरीज के लिए कार्डियोलाजिस्ट आनकाल उपलब्ध रहेंगे।


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