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Pulwama Terror Attack: राजस्‍थान के जीतराम के शहीद होने की खबर से गांव में शोक की लहर

राजस्‍थान के जीतराम, पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जीतराम गुर्जर भरतपुर जिले की नगर तहसील के गांव सुंदरावली के रहने वाले थे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 04:23 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 04:23 PM (IST)
Pulwama Terror Attack: राजस्‍थान के जीतराम के शहीद होने की खबर से गांव में शोक की लहर
Pulwama Terror Attack: राजस्‍थान के जीतराम के शहीद होने की खबर से गांव में शोक की लहर

भरतपुर, जेएनएन। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जीतराम गुर्जर भरतपुर जिले की नगर तहसील के गांव सुंदरावली के रहने वाले थे। सीआरपीएफ की 92वीं बटालियन में तैनात जीतराम 12 फरवरी को ही ड्यूटी पर लौटे थे। 28 वर्षीय शहीद जीतराम के भाई विक्रम ने बताया उन्हें देर रात तक तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनका भाई भी शहीद हो गया।

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सुबह जम्मू से सीआरपीएफ के अधिकारियों ने फोन पर इसकी जानकारी दी। ग्रामीणों के अनुसार जीतराम बेहद मिलनसार था। वह जब भी गांव आता था तब युवाओं से देश​भक्ति की बातें किया करता था। राधेश्याम के बेटे जीतराम की शहादत पर पूरे गांव को गर्व है। जीतराम के दो बेटी हैं। बड़ी बेटी डेढ़ साल और दूसरी बेटी करीब 4 माह की है।

आतंकी हमले में शहीद भरतपुर का सपूत जीतराम गुर्जर भी शहीद हुआ है। जीतराम के शहीद होने की सूचना से गांव में शोक की लहर दौड़ गई। जम्‍मू-कश्‍मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए फिदायीन हमले में शहीद हुए जवानों में राजस्थान के भी पांच सपूत शामिल हैं। इनमें कोटा के हेमराज मीणा, जयपुर के शाहपुरा के रोहिताश लांबा, धौलपुर के भागीरथ सिंह, भरतपुर के जीतराम गुर्जर और राजसमन्द नारायण गुर्जर शामिल हैं। आतंकी हमले में एक भरतपुर का सपूत जीतराम गुर्जर भी शहीद हुआ है।

 आतंकी हमले में शहीद हुए जवान सुंदरावली गांव का रहने वाला था। जैसे ही गांव में सैनिक जीतराम के शहीद होने की सूचना पहुंची तो गांव में शोक की लहर दौड़ गई और लोगों ने शहीद के घर पर पहुंचना शुरू कर दिया।ग्रामीणों ने बताया कि देश के लिए शहीद हुए जीतराम मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे और जब भी छुट्टियों पर गांव आता थे सभी से मिलकर उनके हालचाल पूछते थे।

ग्रामीणों ने बताया कि शहीद जीत राम में देश के प्रति जज्बा था और युवाओं को भी संदेश देते हुए कहा था कि देश की रक्षा के लिए वह भी फौज में भर्ती हों। उन्होंने बताया कि गत 12 तारीख को ही जीतराम छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर गया था।

बताया जा रहा है कि शहीद की 4 साल पहले ही शादी हुई थी और उसके दो बच्चे हैं। ग्रामीणों में पाकिस्तान के खिलाफ भी आक्रोश देखने को मिल रहा है और पाकिस्तान को सबक सिखाने की भारत सरकार से लोग मांग कर रहे हैं।


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