पुलवामा के शहीद: तिलकराज
Pulwama attack जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए तिलक राज कांगडा के जवाली स्थित धारकलां गांव के रहने वाले थे।
धर्मशाला, जेएनएन। Pulwama attack जम्मू कश्मीर के पुलवामा हमले में शहीद हुए जिला कांगड़ा के जवाली स्थित धारकलां गांव के जवान तिलक राज का जन्म दो मई 1988 को हुआ था। उन्होंने 27 अप्रैल 2007 को सीपीआरएफ में सेवाएं देनी शुरू की थी। बताया जा रहा है कि वह अपने पीछे पत्नी सावित्री देवी और 22 दिन का बेटा छोड़ गए हैं। तिलक दो दिन पहले ही घर से ड्यूटी पर लौटे थे।
लोकगायक भी थे तिलकराज
पुलवामा आतंकी हमले में शहादत पाने वाले तिलक राज कबड्डी खिलाड़ी ही नहीं, लोकगायक भी थे। उन्होंने सिड्डू शराबी, नीलमा गद्दण व मेरी मोनिका जैसे हिट गाने गाए हैं। यूट्यूब पर हजारों लोगों ने इन गानों को देखा है। वह सीआरपीएफ से छुट्टी आने के बाद घर में घरेलू कबड्डी प्रतियोगिता में हारचक्कियां टीम की ओर से खेलते थे। हाल ही में उन्होंने गांव के अन्य साथियों के साथ मिलकर हारचक्कियां में कबड्डी प्रतियोगिता करवाई थी। तिलक के पिता लायक राम ने खेतीबाड़ी कर बेटे को पढ़ाया था। वह 2007 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए। तिलक का भाई बलदेव सिंह पंजाब में शराब ठेके में सेल्समैन है। तिलक की पत्नी सावित्री देवी ने 15 दिन पहले ही दूसरे बेटे को जन्म दिया है। इनका बड़ा बेटा दो साल का है।
फेसबुक पर रहते थे एक्टिव
तिलक राज ने बुधवार को फेसबुक आइडी पर अंतिम बार अपडेट किया था। उन्होंने धौलाधार क्लब की ओर से धेबा में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता की विजेता टीम हारचक्कियां का फोटो डाला था और आयोजन के बारे में कुछ जानकारी भी दी थी। दोस्त आशीष ने बताया कि 11 फरवरी को तिलक राज ने कहा था कि अगली छुट्टियों में जब घर आएगा तो नाटी की रिकॉर्डिंग कर उसे रिलीज करेगा। चार साल पहले 16 फरवरी के दिन लायक राम व विमला देवी ने अपने बेटे तिलक राज का सेहरा सजाया था और इसी दिन उन्हें अपने बेटे की अर्थी सजानी पड़ी।