#शहादत : बीते मंगलवार को ड्यूटी पर गए थे अवधेश, वापस आने का वादा रह गया अधूरा
चंदौली जिले में सीआरपीएफ के जवान अवधेश यादव के शहादत की सूचना शुक्रवार की सुबह होते ही परिजनों समेत लोगों की आंखें नम हो गईं और दिलों में गम छा गया।
चंदौली, जेएनएन। जम्मू- कश्मीर के पुलवामा में आंतकी हमले में शहीद मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के बहादुरपुर गांव निवासी सीआरपीएफ के जवान अवधेश यादव के शहादत की सूचना शुक्रवार की सुबह होते ही परिजनों समेत लोगों की आंखें नम हो गईं और दिलों में गम छा गया। लेकिन देश की रक्षा में शहीद हुए जवान के वीरगति पर चेहरे पर गर्व का भाव भी दिखा। शहीद के घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा। गुरुवार की शाम आंतकी हमले में सीआरपीएफ जवान अवधेश यादव शहीद हो गए। लेकिन पिता हरिकेश यादव को पता ही नहीं था कि बेटा देश पर कुर्बान हो गया। शुक्रवार की सुबह आशंकाओं के बादल छंटे, जब सीआरपीएफ हेडक्वार्टर ने पीड़ित पिता को फोनकर बेटे के शहीद होने की जानकारी दी।
इसके बाद किसान पिता पर मानों गमों का पहाड़ टूट पड़ा। कैंसर पीड़ित मां मालती देवी के बेटे को वापस देखने के अरमान भी चकनाचूर हो गए। पत्नी शिल्पी यादव पति के शहादत का समाचार सुनते ही अचेत हो गईं। शहीद के घर पर सांत्वाना देने वालों का तांता लगा रहा। मौके पर एसडीएम आशीष कुमार व सीओ प्रदीप चंदेल पहुंच गए थे। अधिकारियों के मुताबिक शहीद का शव डीएनए टेस्ट के बाद देर रात तक गांव पहुंचने की उम्मीद है। दोपहर बाद तक पकिस्तान मुर्दाबाद, शहीद अवधेश अमर रहे की इलाके में गूंज रही।
आठ बजे आया फोन और मच गया कोहराम : कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के वाहन पर आतंकी हमले में चंदौली के अवधेश का भी नाम आया। वह वर्ष 2006 में सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। परिवार में पिता हरिकेश, मां मालती, छोटा भाई हरिकेश, पत्नी शिल्पी और ढाई साल का पुत्र है। घर-परिवार के बीच छुïट्टी बिताने के बाद मंगलवार को ही वह वापस कश्मीर के लिए रवाना हुए थे। पत्नी और बेटे समेत पूरा परिवार अभी तक बहादुर अवधेश के साथ गुजारे सुखद पलों की याद में डूबा था। मगर गुरुवार दोपहर बाद कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले के वाहन पर आतंकी हमले में जवानों की मौत की खबर टीवी न्यूज आते ही परिवार की सांसें अटक गईं।
परिवार के लोगों ने बताया कि टीवी पर चल रही खबर में आतंकी हमले में अवधेश के घायल होने तक की सूचना नहीं थी लेकिन पत्नी और मां के आंसू बहने लगे। परिवार के हर सदस्य की धड़कन और घबराहट बढ़ गई। आंसू बहाते हुए कैंसर पीडि़त मां मालती और पत्नी शिल्पी भगवान से अवधेश की सलामती की प्रार्थना करने लगीं। इसके साथ ही छोटे भाई ब्रजेश कश्मीर में अवधेश के साथी जवानों को फोन कर उनके बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश करने लगे।
अवधेश के साथी कश्मीर से फोन पर किसी तरह की पुष्टि नहीं कर पा रहे थे। वे भाई ब्रजेश से यही कहते रहे कि पता किया जा रहा है, शायद घायल हैं अवधेश, आप परेशान न हों। देर रात सीओ प्रदीप चंदेल भी उनके घर पहुंचे थे। बताया कि अभी तक अवधेश को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उधर, भाई ब्रजेश ने बताया कि अवधेश से गुरुवार दोपहर तकरीबन दो बजे आखिरी बार फोन पर बात हुई थी। तब उन्होंने बताया था कि वह सीआरपीएफ की गाड़ी में हैं। दोपहर बाद हमले की खबर आने पर भाई ने संपर्क करने की कोशिश की तो मोबाइल ऑफ था। इस वजह से भी परिजन घबराए हुए हैं।
कायराना हरकत पर दिखा आक्रोश : सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमले में जवानों की शहादत पर लोगों में रोष है। घटना के विरोध में शुक्रवार को पड़ाव क्षेत्र की चाय-पान समेत सभी दुकानें बंद रहीं। हर तरफ आतंकी हमले की चर्चा होती रही। सभी ने कायराना हमले की निंदा की। बोले, पाकिस्तान की शह पर पल रहे आतंकियों को इसकी कीमत चुकानी होगी।