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सुबह भाई से फोन कर पूछा, मेरा गुरजोत रोता तो नहीं और कुछ देर बाद आई शहादत की खबर

जम्‍मू-कश्‍मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में पंजाब का जवान सुखजिंदर सिंह भी शहीद हो गए। सुखजिंदर ने सुबह भाई को फोन किया था और कुछ देर बार उसकी शहादत की खबर आई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 09:14 AM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 03:53 PM (IST)
सुबह भाई से फोन कर पूछा, मेरा गुरजोत रोता तो नहीं और कुछ देर बाद आई शहादत की खबर
सुबह भाई से फोन कर पूछा, मेरा गुरजोत रोता तो नहीं और कुछ देर बाद आई शहादत की खबर

तरनतारन, [धर्मबीर सिंह मल्हार]। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा क्षेत्र में आतंकी हमले में शहीद होने वाले सीआरपीएफ के 44 जवानों में तरनतारन के गांव गंडीविंड धत्तल का सुखजिंदर सिंह भी शामिल हैं। सुखजिंदर सिंह की शहादत की खबर वीरवार की रात जब गांव पहुंची तो परिवार को पहले यकीन ही नहीं हुआ। शहीद के भाई गुरजंट सिंह जंटा ने परिवार को जब शहादत की जानकारी दी तो पूरा परिवार सन्न रह गया। सुबह ही सुखजिंदर ने फोन कर भाई से पूछा था कि मेरा गुरजीत रोता तो नहीं है और थोड़ी देर बाद ही उसकी शहादत की खबर आ गई। इसके बाद तो परिवार में कोहराम मच गया।

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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले मेंं शहादत पाने वालों में शामिल गंडीविंड का सुखजिंदर भी

पट्टी के गांव गंडीविंड धत्तल निवासी गुरमेल सिंह का बेटा सुखजिंदर सिंह सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन में बतौर कांस्टेबल तैनात थे। वह 28 जनवरी को एक माह की छुट्टी के बाद ड्यूटी पर लौटे थे। जाते समय वह अपने आठ माह के बेटे को गुरजोत सिंह को बार-बार चूम रहे थे। उसकी शादी गांव शकरी निवासी सरबजीत कौर के साथ हुई थी।

सुखजिंदर सिंह की शहादत की खबर मिलने के बाद दुख में डूबे परिवार के लोग।

28 जनवरी को एक माह की छुट्टी के बाद लौटा था ड्यूटी पर, आज गांव लाया जाएगा पार्थिव शरीर

छोटे भाई गुरजंट सिंह जंटा ने बताया कि वह अपने पिता गुरमेल सिंह के साथ खेती करता है। वीरवार सुबह ही सुखजिंदर ने उसे फोन कर बताया था कि जम्मू-कश्मीर में बंद रास्ता अब खुल चुका है और अब ढाई हजार जवानों का काफिला अपनी मंजिल की ओर बढ़ेगा।

गुरजंट ने बताया कि सुखजिंदर फोन पर बार-बार अपने बेटे गुरजोत के बारे में पूछ रहा था कि वो रोता तो नहीं है। वह जल्द ही अपने बेटे के लिए ढेर सारे खिलौने भेजेगा। साथ ही अपनी बहन लखविंदर कौर के लिए कश्मीर के अखरोट भेजेगा। इसके बाद दोपहर करीब साढ़े 12 बजे हुए आतंकी हमले में 44 जवानों के साथ सुखजिंदर सिंह की शहादत की खबर ने पूरे परिवार को पत्थर कर दिया। 1300 की आबादी वाले गांव गंडीविंड धत्तल के कई घरों में चूल्हा नहीं जल पाया।

पत्‍नी आैर बेटे के साथ सुखजिंदर सिंह। (फाइल)

मां बोली, मेरा बेटा अमर हो गया है

गुरजंट सिंह ने कहा कि सीआरपीएफ के हेडक्वार्टर से सुखजिंदर सिंह की शहादत की खबर आते ही उसने अपनी मां हरभजन कौर को इसकी सूचना दी। शहादत की खबर सुनते ही अपने बेटे की फोटो हाथ में लेकर वह बार-बार कहने लगी कि उनका बेटा अब अमर हो गया। गुरजंट ने बताया कि सुखजिंदर सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार को बाद दोपहर गांव गंडीविंड धत्तल पहुंचेगा।  


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