सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था बदहाल
बंजरिया (जागरण पङताल) सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई की ठीक नहीं है स्थिति
सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था बदहाल
मोतिहारी। सरकार भले ही लाख दावा कर ले कि विद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई की स्थिति ठीक हो गई है, लेकिन वास्तविकता इससे परे है। गुरुवार को चार विद्यालयों का दौरा कर वास्तविकता का पता लगाने का प्रयास किया तो पता चला कि कही शिक्षक प्रतिनियोजन में हैं तो कोई विशेषावकाश में हैं। कोई रूग्णावकाश में तो कही शिक्षक ही नहीं है। विद्यालय की जिम्मेदारी टोला सेवक के कंधे पर रख शिक्षक घूम रहे हैं। नामांकित बच्चों की संख्या से तुलना करने पर पता चलता है कि नामांकित के एक तिहाई बच्चे विद्यालय आते हैं तथा उसमें से भी मध्याह्न भोजन के बाद 80 फीसदी गायब हो जाते हैं। अर्थात अपने-अपने घरों को चले जाते हैं। जो कुछ बच जाते हैं तो तीन बजे चले जाते हैं। सबसे पहले उत्क्रमित उच्च विद्यालय चैलाहां मौजे पहुंचते हैं। पता चलता है कि यहां विद्यालय दो शिफ्ट में चलता है। सुबह का शिफ्ट जो 12 बजे तक चलता है उसकी छुट्टी हो गई थी। सभी 15 शिक्षक चले गए थे। विद्यालय में उच्च विद्यालय के शिक्षक म.अमानुल्लाह व आभा कुमारी तथा कुछ नये नामांकित बच्चे उपस्थित थे। पता करने पर यह जानकारी मिली कि प्रथम शिफ्ट वाले में नामांकित बच्चों की संख्या 921 है, लेकिन बच्चे मात्र 354 ही उपस्थित थे। उसमें से भी मध्याह्न भोजन के बाद मात्र 20 फीसदी ही बच्चे विद्यालय में उपस्थित रहते हैं। शौचालय की स्थिति साफ पाई गई। उसके बाद हमारे संवाददाता पहुंचे राप्रावि मुशहर टोली खांडवा। वहां पर टोला सेवक ललन कुमार से मुलाकात हुई। पता चला कि प्रधानाध्यापक व एक अन्य शिक्षक दोनों डीएम के यहां बीएलओ की आयोजित बैठक में गए हैं। विद्यालय से बच्चों की छुट्टी कर दी गई थी। प्रधानाध्यापक से दूरभाष पर पता करने पर पता चला कि यहां 195 बच्चे नामांकित हैं तथा उपस्थित बच्चों की संख्या 100 तथा मध्याह्न भोजन के बाद वह संख्या आधी से भी कम हो जाती है। प्राथमिक विद्यालय पंचरूखा में एचएम बृज किशोर के साथ सभी शिक्षक उपस्थित मिले। उन्होंने बताया कि नामांकित बच्चों की संख्या 234 है जिसमें 165 बच्चे उपस्थित थे। मध्याह्न भोजन के बाद बच्चों के चले जाने के बारे में इन्होंने बताया कि बाउंड्री न होने के कारण बच्चे भाग जाते हैं। शिक्षकों की कुल संख्या 5 है। रामवि झखिया में शिक्षकों की संख्या -11है। जिसमें तीन शिक्षक बीएलओ की ट्रेनिंग में गए हुए थे। एक शिक्षिका विशेषावकाश पर थी तथा एक शिक्षक सुजीत कुमार लगभग दो वर्षों से अनुमंडल कार्यालय में प्रतिनियोजन में हैं। बच्चों की नामांकित संख्या 616 है जिसमें मात्र 248 उपस्थित थे। मध्याह्न भोजन के बारे में पता चला कि वह नियमित रूप से चलता है।