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संशोधित : गवाही और धमकी को हथियार बना एके-47 के साये में आया था श्रीकांत

रवि प्रकाश सिंह रैकवार नोएडा चाचा की पिस्टल से सेक्टर-12 स्थित बरात घर में फायरिग करने वाले श्रीकांत त्यागी ने एक दशक में अपना ओहदा इतना बढ़ा लिया कि वह एके-47 और एके-56 के साये में रहने लगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 08:52 PM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 09:07 PM (IST)
संशोधित : गवाही और धमकी को हथियार बना एके-47 के साये में आया था श्रीकांत
संशोधित : गवाही और धमकी को हथियार बना एके-47 के साये में आया था श्रीकांत

रवि प्रकाश सिंह रैकवार, नोएडा : चाचा की पिस्टल से सेक्टर-12 स्थित बरात घर में फायरिग करने वाले श्रीकांत त्यागी ने एक दशक में अपना ओहदा इतना बढ़ा लिया कि वह एके-47 और एके-56 के साये में रहने लगा। चारों तरफ गनर और सबसे आगे वाले सुरक्षाकर्मी के हाथ में एके-47 होना श्रीकांत त्यागी के लिए आम बात हो गई थी। न तो त्यागी को कभी किसी आतंकी संगठन ने धमकी दी और न ही कभी वह नक्सलवादी और चरमपंथियों के निशाने पर रहा। बावजूद उसकी सुरक्षा में तैनात गनर एके-47 लेकर चलते थे। श्रीकांत की गिरफ्तारी के लिए गठित टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि श्रीकांत के किसी करीबी की कई वर्ष पहले हत्या हो गई थी। उसमें वह गवाह था। इसको लेकर वह अक्सर खुद की हत्या होने की बात कहकर सुरक्षा की सिफारिश करता रहा। यही नहीं गनर की चाहत में उसने अफवाह फैलाई कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन से उसे धमकी मिल रही है। जांच में पता चला कि उसके पास फोन तो वर्चुअल नंबर से आया था। फेसबुक पर श्रीकांत द्वारा साझा की गई तस्वीरों से गनर और एके-47 का जिन्न फिर से बाहर आ गया है। श्रीकांत व उसकी पत्नी को सुरक्षा देने के मामले में लोग पुलिस और प्रशासन पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। गनर मामले की जांच शासन स्तर से जारी है। ऐसे में जल्द ही पता लगेगा कि श्रीकांत को गनर किसके कहने पर और किस आधार पर दिए गए थे।

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ऐसे मिलती गई सुरक्षा

आठ अक्टूबर 2018 को गाजियाबाद जनपदीय सुरक्षा समिति ने श्रीकांत को एक सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराया। कुछ महीने बाद सुरक्षाकर्मियों की संख्या तीन हो गई। 2019 में उसे एक और सुरक्षाकर्मी मुहैया करा दिया गया। इस दौरान उसकी पत्नी को भी गनर मिले। बाद में सुरक्षा हटा ली गई। जांच में पता चला कि गाजियाबाद की तत्कालीन जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी और एसएसपी वैभव कृष्ण के अनुमोदन पर श्रीकांत ने सुरक्षा हासिल की थी। जनपदीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष पद पर यही अधिकारी होते हैं।

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फरार आरोपितों की तलाश जारी

सात अगस्त को श्रीकांत के पक्ष में आकर सोसायटी में हंगामा कर फरार होने वाले चार आरोपितों की तलाश में पुलिस की टीमों ने शुक्रवार को गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली और मेरठ सहित अन्य ठिकानों पर दबिश दी। पुलिस टीम को सफलता नहीं मिली। मामले में छह आरोपितों की पूर्व में गिरफ्तारी हो चुकी है।

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सिक्योरिटी एजेंसी पर कार्रवाई नहीं

श्रीकांत त्यागी प्रकरण में पांच पुलिसकर्मियों के निलंबन के बाद भी सिक्योरिटी एजेंसी के खिलाफ अबतक कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस ने घटना के बाद एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही थी। पुलिस का कहना है कि मामले की अभी जांच चल रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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एमिटी में स्वामी के बेटे के करीब आया था श्रीकांत

कई साल पहले स्वामी प्रसाद मौर्य का बेटा नोएडा के एमिटी विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहा था। राजनीतिक कद बढ़ाने के लिए श्रीकांत ने उनके बेटे से दोस्ती कर ली। जिसके माध्यम से वह स्वामी प्रसाद मौर्य तक पहुंच गया और उनका करीबी बना।

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रक्षाबंधन पर इंतजार करती रही बहन

शुक्रवार को देश में रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। श्रीकांत की चचेरी बहन रश्मिका त्यागी ने एक वायरल वीडियो में कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि वह अपने भाई को राखी नहीं बांध सकी है।


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